पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की धमाकेदार जीत के बाद बीजेपी के नेताओं के टीएमसी ज्वाइन करने का शगल सा चल पड़ा है, लेकिन नए घटनाक्रम में कांग्रेस के दिग्गज भी टीएमसी का दामन थामने की राह पर चलते दिख रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी के हाल के ट्वीट्स से बदलाव को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। हालांकि, फिलहाल वो इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उनकी कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में जाने की मंशा है।
पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने शु्क्रवार को एक ट्वीट में लिखा था कि उन्होंने इस बारे में किसी से कुछ नहीं कहा। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर इस बारे में इनकार नहीं किया है कि वे ममता बनर्जी की पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। यह ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है। उधर, अभिजीत ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि वो कांग्रेस में ही रहेंगे। उनका कहना है कि टीएमसी में जाने की खबर सच नहीं है। लेकिन मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अभिजीत ने पिछले सप्ताह टीएमसी नेताओं से मुलाकात की थी। कयास रहैं कि अभिजीत को जंगीपुर असेंबली सीट ऑफर की जा सकती है।
जंगीपुर संसदीय सीट से उनके पिता और कांग्रेस के पूर्व दिग्गज प्रणब मुखर्जी दो बार चुनाव जीत चुके है। राष्ट्रपति बनने से पहले 2012 में उन्होंने इस सीट को खाली किया था। जंगीपुर असेंबली सीट पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होना है। अभिजीत ने 2014 में जंगीपुर संसदीय सीट से चुनाव जीता था लेकिन 2019 के आम चुनाव में उन्हें टीएमसी के खलीलुर रहमान ने हरा दिया था।
गौरतलब है कि ममता की तीसरी बार ताजपोशी के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। जो नेता या वर्कर्स बीजेपी का झंडा उठाए घूम रहे थे वो अब सार्वजनिक तौर पर माफी मांगते दिख रहे हैं। मुकुल रॉय टीएमसी ज्वाइन कर चुके हैं तो एक और नेता राजीव बनर्जी ममता के दरबार में वापसी को हाजिरी दे रहे हैं।
खास बात है कि मुकुल रॉय को रोकने के लिए खुद पीएम मोदी ने कमान संभाली थी। उन्होंने मुकुल से फोन पर भी बात की थी पर बात नहीं बनी। मुकुल ने पीएम से ज्यादा ममता को तवज्जो दी। पीएम उन्हें मनाते रह गए पर वो टीएमसी की गोद में जा बैठे। उनका जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कयास हैं कि मुकुल की राह पर चल दूसरे नेता भी घर वापसी कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो बीजेपी का करीने से बनाया कुनबा बिखर जाएगा।