Sharmistha Mukherjee Target Congress: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए दिल्ली में एक अलग स्मारक बनाने की मांग की गई है। मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में 92 साल की उम्र में निधन हो गया। प्रणब मुखर्जी की बेटी ने कहा कि उनके पिता का निधन हुआ तो कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने शोक सभा बुलाने की जहमत तक नहीं उठाई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा कि जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए CWC को बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया था। उनके अनुसार, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि यह भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए नहीं है। कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह बकवास करार देते हुए उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक अन्य पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।
मनमोहन सिंह के लिए स्मारक एक बढ़िया विचार- शर्मिष्ठा
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के नेता केसीआर केसवन की एक पोस्ट का हवाला दिया। इसमें उन्होंने बताया था कि किस तरह कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए उपेक्षा की क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे। इतना कहने के बाद डॉ मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक एक बढ़िया विचार है। वे इसके हकदार हैं और साथ ही भारत रत्न भी, जिसे बाबा राष्ट्रपति के रूप में उन्हें देना चाहते थे। लेकिन ऐसा शायद दो कारणों से नहीं हो सका, जिन्हें बताने की जरूरत नहीं है।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कब और कहां होगा?
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने दी थी श्रद्धांजलि
इससे पहले प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी थी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा था, ‘एक युग का अंत। डॉ. सिंह ने एक बेहतरीन जीवन जिया। एक कृतज्ञ राष्ट्र भारत की विकास गाथा में उनके अपार योगदान को याद रखेगा। सबसे बढ़कर, वह एक सच्चे अच्छे इंसान थे और जैसा कि मेरे पिता हमेशा कहते थे- ‘एक सच्चे सज्जन’। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’ उन्होंने आगे पोस्ट कर लिखा, ‘1970 से पांच दशकों तक चले इस लम्बे कार्य संबंध के कारण, डॉ. सिंह के साथ मेरी बहुत अच्छी समझ थी, और मेरा मानना था कि हम दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं।’ जिन अन्ना हजारे ने हिला दी थी डॉ मनमोहन सिंह की सरकार पढ़ें पूरी खबर…