बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) के बाद देश के कई सियासी दलों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है लेकिन इस बीच उन्हें देश के पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का साथ मिला है। पूर्व पीएम देवगौड़ा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तारीफ की है।

उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि रेल मंत्री ने हादसे की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। वह अथक परिश्रम कर रहे हैं। जांच पूरी होने दीजिए।

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (Former PM HD Dewegowda) ने कहा, “रेल मंत्री ने नुकसान की भरपाई और रेल रूट फिर से शुरू करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। मैं देख रहा हूं कि उन्होंने पिछले 55 घंटे अथक परिश्रम किया। CBI जांच अलग विषय है, मुझे उसपर कोई टिप्पणी नहीं करनी।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस नेतृत्व ने अलग स्टैंड लिया है। मेरी पार्टी सियासत को देखते हुए कमेंट नहीं करेगी। जांच पूरी होने दीजिए, रेल मंत्री अपना बेस्ट दे रहे हैं। इस समय रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग सही नहीं है।”

कांग्रेस बोली- रेल हादसे की जांच सिर्फ ‘हेडलाइन मैनेजमेंट

बालासोर रेल हादसे के बाद कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि CBI द्वारा हादसे की जांच कराने की घोषणा सरकार द्वारा ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ का प्रयास है। कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा कि 2016 में कानपुर के पास हुए हादसे की जांच NIA से कराने की घोषणा की गई थी लेकिन अभी तक पता नहीं चला कि उस जांच का क्या नतीजा निकला।

जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा बालासोर रेल हादसे के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं, बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है।”

उन्होंने कहा, “अब यह घटनाक्रम याद कीजिए। 20 नवंबर, 2016 को इंदौर पटना एक्सप्रेस कानपुर के निकट पटरी से उतर गई। इसमें 150 से अधिक लोगों की जान चली गई। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 23 जनवरी 2017 को केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर इस घटना की NIA जांच की मांग की। 24 फरवरी 2017 को प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर ट्रेन दुर्घटना एक साजिश थी।”

रमेश ने दावा किया, ‘‘ 21 अक्टूबर 2018 को अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया कि एनआईए इस मामले में कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं करेगी। 6 जून, 2023 तक इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि कानपुर रेल हादसे पर एनआईए की अंतिम रिपोर्ट क्या है। कोई जवाबदेही नहीं।”