पूर्वांचल के बाहुबली और पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने रविवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। बता दें कि हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस ने रमाकांत यादव को पार्टी से बाहर कर दिया था। अब रविवार को रमाकांत यादव ने लखनऊ में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में वापसी की। बता दें कि रमाकांत यादव ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से ही की थी, लेकिन इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए थे। बसपा के बाद भाजपा और अब कांग्रेस में होते हुए रमाकांत यादव 15 साल बाद फिर से सपा में लौट आए हैं।

उल्लेखनीय है कि 62 वर्षीय रमाकांत यादव ने साल 2014 का लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में रमाकांत यादव को हार का सामना करना पड़ा था। रमाकांत यादव का पार्टी में स्वागत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनके आने से पार्टी मजबूत होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि “लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं और हम यह विश्वास दिलाते हैं कि समाजवादी पार्टी विकास करेगी और साल 2022 में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेकेंगी।”

रमाकांत यादव की गिनती पूर्वांचल के बाहुबलियों में होती है। उनके राजनैतिक करियर की बात करें तो वह साल 1996 में पहली बार आजमगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद साल 1999 और साल 2004 में भी वह लोकसभा का चुनाव जीते। हालांकि 2004 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद गए। रमाकांत यादव साल 2009 का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़े और फिर जीते। हालांकि साल 2014 में मोदी लहर के बावजूद रमाकांत यादव को आजमगढ़ सीट पर मुलायम सिंह यादव के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

हालिया लोकसभा चुनावों में भाजपा से टिकट ना मिलने के बाद रमाकांत यादव ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और भदोही से चुनाव लड़े थे। हालांकि उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। अब सपा में वापसी के बाद रमाकांत यादव के राजनैतिक करियर को नई ऊर्जा मिल सकती है।

गौरतलब है कि रविवार को रमाकांत यादव के अलावा पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी की बहन रुकमणी देवी निषाद और कई अन्य बसपा नेताओं ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की।