नई सरकार के शपथग्रहण ग्रहण के बाद भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री के रूप में देश की सेवा का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। सुषमा ने ट्वीट बृहस्पतिवार शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद ट्वीट किया।
ट्वीट में सुषमा ने लिखा, ‘प्रधान मंत्री जी – आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया। मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूँ. हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है।’
सुषमा की मोदी 2.0 से विदाई के बाद ट्वीटर पर लोग काफी भावुक हो गए। लोगों ने सुषमा से गुहार लगाई कि वे ऐसा न करें। यूजर @PraphulSinghMuz ने ट्वीट किया कि हम आपको याद करेंगे मैम। आप बेहतरीन विदेश मंत्री थीं। एक अन्य यूजर ने@priyaakulkarni2 ने ट्वीट किया सुषमा स्वराज के लिए भारत की प्रतिक्रिया ‘तुस्सी ना जाओ’ वाली है।
प्रधान मंत्री जी – आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया. मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूँ. हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 30, 2019
यूजर @YatiSha08242381 ने लिखा कि आप ने ना केबल लोगो का ईमानदारी से काम किया बल्कि लोगो का दिल भी जीता आप का मंत्री मंडल मे शामिल ना होना हम जैसे आपके लाखो प्रशंसको को अच्छा नहीं लगा सभी दुखी हैं। कृप्या अपने निर्णय पर पुनः विचार करें।
इससे पहले सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पिछले साल 20 नवंबर को 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। सुषमा मध्यप्रदेश के विदिशा से सांसद थीं। सुषमा ने इस बात की घोषणा इंदौर में एक संवाददात सम्मेलन के दौरान की थी। सुषमा का पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है।
साल 2016 में सुषमा का दिल्ली के एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज काफी सक्रिय रहती थीं। सुषमा के प्रशंसक देश ही नहीं बल्कि विदेश में बसे प्रवासी भारतीय भी काफी संख्या में हैं। सुषमा विदेशों में फंसे भारतीय लोगों की मदद के साथ इलाज के लिए पाकिस्तानी नागरिकों की सहायता के लिए भी आगे रहती थीं। विदेशों में फंसे भारतीय लोग जब भी मदद की गुहार लगाते सुषमा स्वराज की तरफ से मंत्रालय के अधिकारियों को ऐसे लोगों की मदद के लिए तुंरत निर्देश दिए जाते थे।

