केंद्र सरकार के नोटबंदी फैसले पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला है और इससे गरीबों और किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई है। नागपुर में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार पर जमकर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि यह इस साल का सबसे बड़ा घोटाला है जिसकी जांच होनी चाहिए। 15 लाख आ जाएंगे तो कालाधन कहां जाएगा। सबकुछ ठीक होने में 7 महीने लगेंगे। नोटबंदी का फैसला “खोदा पहाड़, निकली चुहिया” के समान है।
बैंकों में नहीं है कैश:
पी चिदंबरम ने कहा, “मुझे कोशिश करने के बाद भी 2000 रुपए का नोट नहीं मिला। देशभर में हो रही इनकम टैक्स की रेड में कैसे लोगों के पास से बड़ी संख्या में नोट पकड़े जा रहे हैं। सरकार ने किस हिसाब से यह कहा था कि बैंक से 24000 रुपए तक निकाले जा सकते हैं, जबकि बैंकों में इतना कैश है ही नहीं। हर बैंक का कहना है कि उनके पास कैश नहीं है। फिर सरकार कैसे कह रही है कि पर्याप्त कैश है। इसलिए मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी का फैसला प्रबंधन की बड़ी असफलता’ बताया था।”
किसान और गरीब परेशान:
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “इस फैसले की वजह से किसान और गरीब परेशान है। किसानों के पास बीज खरीदने, मजदूरों को देने और खाद खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है। 45 करोड़ लोग दैनिक मज़दूरी पर निर्भर करते हैं, जो नोटबंदी से प्रभावित हुए हैं। उनकी क्षति पूर्ति कौन करेगा।”
उन्होंने सरकार पर कई अन्य सवाल भी दागे। उन्होंन पूछा- “15 लाख आ जाएंगे तो कालाधन कहां जाएगा? नोटबंदी से कालाधन खत्म हुआ क्या? नोटबंदी से भ्रष्टाचार रुका क्या? आतंकियों की फंडिग रुकी क्या?” उन्होने कहा कि महीने में 3000 करोड़ के नोटों की ही छपाई संभव है और पूरा देश कैशलेस होना संभव नहीं है। उन्होंने 2000 के नोट बंद होने पर सरकार से रुख साफ करने की मांग की।
This is the biggest scam of the year and must be investigated: Former Finance Minister P Chidambaram #demonetisation pic.twitter.com/acnhtI5uL0
— ANI (@ANI) December 13, 2016
I cannot get Rs 2000 note. How crores in Rs 2000 notes found their way to individuals being raided all over the country?: P Chidambaram pic.twitter.com/DjYfkQVFpj
— ANI (@ANI) December 13, 2016

