राष्ट्रपति की तरफ से पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को सोमवार को राज्यसभा के लिए नामित किया गया। इससे पहले इस साल जनवरी में रंजन गोगोई के बड़े भाई रिटायर्ड एयर मार्शल अंजन कुमार गोगोई को नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) का सदस्य नियुक्त किया गया।

पूर्णकालिक सदस्य के रूप में यह नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की तरफ से 24 जनवरी को जारी नोटिफिकेशन में अंजन कुमार गोगोई की नियुक्ति की सूचना दी गई थी। अधिसूचना में कहा गया था कि परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित रिटार्यड एयर मार्शल गोगोई जॉइनिंग की तारीख के तीन साल तक या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, सदस्य बने रहेंगे।

अंजन कुमार की नियुक्ति में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल एक्ट, 1971 (81 ऑफ 1971) के सेक्शन 3 के उप खंड (1) में वर्णित क्लॉज (iii) का जिक्र किया गया था। मालूम हो कि अंजन कुमार गोगोई भारतीय वायुसेना में गांधीनगर स्थित दक्षिण पश्चिम एयर कमांड के एओसी-इन-चीफ रहे थे।

अंजन और रंजन गोगोई के पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अपने छोटे भाई को लेकर अंजन कुमार गोगोई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि भविष्य में क्या होने वाला है आप इसका अनुमान नहीं लगा सकते हैं लेकिन वह (रंजन गोगोई) बचपन से ही यह संकेत दे दिए थे कि वह सही रास्ते पर चलेगा।

छोटा होकर भी नियम नहीं तोड़ने को कहता थाः अंजन कुमार के अनुसार बचपन में जब दोनों भाई कंचे खेला करते थे तो बड़े होने के नाते अंजन कुमार थोड़े नटखट थे। इसके साथ ही खेल के दौरान वे अपने भाई से चीटिंग करने की कोशिश करते थे। अंजन ने बताया था कि उस समय भी वह (रंजन गोगोई) हमेशा मेरे गेम को चैलेंज करता था और मुझसे नियम नहीं तोड़ने को कहता था।

भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट रहे अंजन कुमार ने इंटरव्यू में कहा था कि वह हमेशा से सही रास्ते और नियमों पर चलता था। जब उसने कानून का रास्ता चुना तो मुझे पता था कि वह एक अच्छा वकील बनेगा। वह सिर्फ वकालत जारी रखने के लिए गलत मामले अपने हाथों में नहीं लेगा। ऐसे ही जब वह जज बना तो मैं जानता था कि वह अच्छा जज बनेगा।