पूर्व CJI बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में हुई जूता फेंकने की घटना पर प्रतिक्रिया दी है। न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में बीआर गवई ने कहा कि उस समय उन्होंने आरोपित वकील के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का फैसला अपनी परवरिश और मूल्यों के चलते लिया।
बीआर गवई ने कहा, “शायद यह मेरे संस्कारों का असर है। जब कोर्ट में यह घटना हुई, तब मुझे यह भी नहीं पता था कि इसका संबंध मेरे कोर्ट में दिए गए किसी कथित बयान या टिप्पणी से बताया जा रहा है। लेकिन मुझे लगा कि मुझे जिस मामले की सुनवाई कर रहा था, उसे आगे बढ़ाना चाहिए। यह फैसला मैंने उस क्षण में ही लिया।”
उन्होंने कहा कि घटना के बावजूद उन्होंने कार्यवाही रोकने या कठोर कदम उठाने की जरूरत महसूस नहीं की, क्योंकि उनका मानना है कि न्यायिक गरिमा बनाए रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कथित रूप से कैश मिलने पर भी दी प्रतिक्रिया
पूर्व CJI बीआर. गवई ने ANI से इस बारे में किए गए सवाल के जवाब में कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। इस बात से इनकार करना गलत है कि इससे ज्यूडिशियरी की इमेज पर असर पड़ा है। लेकिन अब मामला पार्लियामेंट में पेंडिंग है और इंपीचमेंट की कार्रवाई पहले ही शुरू हो चुकी है। इस कोर्ट के एक मौजूदा जज की अगुवाई में जांच इस मामले की जांच कर रही है। इसलिए, सही बात यह है कि मेरे लिए इस पर कमेंट करना ठीक नहीं होगा…”
जब उनसे न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं पर विपक्ष के हमलों को लेकर सवाल किया गया तो पूर्व CJI बीआर गवई ने कहा, “यह गलत है। जज अपनी सोच, कानून और उनके सामने मौजूद तथ्यों के अनुसार काम करते हैं। फैसले की सही आलोचना का हमेशा स्वागत है। लेकिन जजों की उनके फैसलों के लिए आलोचना करना सही नहीं है।”
यह भी पढ़ें: रिटायरमेंट के बाद CJI को पेंशन समेत कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
