Ex-ICICI Bank CEO Chanda Kocher Arrested:आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Ex CEO Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक लोन की कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने कोचर दंपति पर ये कार्रवाई वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक लोन फ्रॉड (Bank Loan Fraud) के मामले में की है। 26 अगस्त 2009 को आईसीआईसीआई बैंक की ओर से वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेकट्रानिक्स को 300 करोड़ के लोन देने की मंजूरी दी गई थी। जिस समिति ने इस लोन को मंजूरी दी थी चंदा कोचर उस समिति में थीं।
Videocon Group के वेणुगोपाल धूत, सहित कोचर दंपति पर CBI ने दर्ज की थी FIR
सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था।
Bank Loan में रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन
इस लोन के पास होने के बाद बाद 31 अक्तूबर 2011 को एक बार फिर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Videocon Industries Limited) को 750 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे दी गई थी। इन दोनों बड़े लोन देने के बाद तत्कालीन आईसीआईसीआई बैंक सीईओ चंदा कोचर (Bank CEO Chand Kochhar) पर बैंक के रेगुलेशन और पॉलिसी का उल्लंघन करने के आरोप लगे थे।
ED ने भी दर्ज की थी FIR
कभी देश की मशहूर बैंकर रहीं चंदा कोचर और उनके पति के दीपक वीरेंद्र कोचर को सीबीआई ने बैंक फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले चंदा कोचर के साथ 9 अन्य लोगों पर साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में चंदा कोचर से लेकर वेणुगोपाल धूत तक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले से जुड़े 5 ट्रंक दस्तावेजों इकट्ठा किए थे।
CBI ने 2019 में दर्ज की थी FIR
ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया। सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ लोन मंजूर किए थे।