सीबीआई के पूर्व अतिरिक्त निदेशक और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एम.नागेश्वर राव ने स्वामी अग्निवेश के निधन पर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने स्वामी अग्निवेश के निधन पर लिखा है कि ‘अच्छा छुटकारा’ मिला और उन्हें ‘हिंदू विरोधी’ करार दिया। राव इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए हैं। बता दें कि शुक्रवार की रात स्वामी अग्निवेश का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह लीवर संबंधी बीमारी से पीड़ित थे और दिल्ली के एक अस्पताल मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ।
स्वामी अग्निवेश के निधन पर एम.नागेश्व राव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “स्वामी अग्निवेश से अच्छा छुटकारा मिला। तुम भगवा वस्त्रों में एक हिंदू विरोधी थे। तुमने हिदुत्व को बहुत नुकसान पहुंचाया। मुझे शर्म आती है कि तुम एक तेलगू ब्राह्मण पैदा हुए थे। भेड़ की खाल में शेर। मेरी यमराज से शिकायत है कि उन्होंने इतना इंतजार क्यों किया!”
पूर्व आईपीएस अधिकारी के इस ट्वीट से कई लोग नाराज हो गए। आम यूजर्स के साथ ही कई जाने माने लोगों ने भी पूर्व आईपीएस अधिकारी को उनके ट्वीट के लिए निशाने पर लिया। इतिहासकार एस.इरफान हबीब ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “तुम एक धब्बा हो। अंदाजा लगा सकता हूं कि आपने पुलिस अधिकारी रहते हुए क्या किया होगा? एक मृत आदमी को गाली देना आपका हिंदुत्व हो सकता है लेकिन हिंदू धर्म नहीं। कभी नहीं से देर भली। जाकर अपना इलाज कराओ।”
GOOD RIDDANCE @swamiagnivesh
You were an Anti-Hindu donning saffron clothes.
You did enormous damage to Hinduism.
I am ashamed that you were born as a Telugu Brahmin.
మేక వన్నె పులి
गोमुख व्याग्रं
Lion in sheep clothesMy grievance against Yamaraj is why did he wait this long! https://t.co/5g7oKL62pO
— M. Nageswara Rao IPS (@MNageswarRaoIPS) September 11, 2020
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि रिटायर्ड ऑफिसर द्वारा किया गया “यह ट्वीट धर्म के सिद्धांत और इंसानियत के विपरीत है। यह सोच रहा हूं कि कुछ दिन पहले ही यह भारत सरकार की नौकरी कर रहे थे और ऐसे विचारों से जनता के साथ डील कर रहे थे।”
बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी पहली बार अपने ट्वीट को लेकर लोगों के निशाने पर नहीं आए हैं। इससे पहले भी इस साल जुलाई में एम.नागेश्वर राव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने हिंदू सभ्यता पर पाश्चात्य सभ्यता थोपने का आरोप लगाया था। इस ट्वीट में राव ने लिखा था कि “हिंदुओं के ज्ञान को नकारा गया। हिंदुत्व को अंधविश्वासी कहकर प्रचारित किया गया। शिक्षा व्यवस्था को पाश्चात्य किया गया। मीडिया और मनोरंजन के साथ भी ऐसा ही किया गया। हिंदुओं को उनकी पहचान को लेकर शर्म महसूस करायी गई।”