Ex BrahMos Engineer: ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को नागपुर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप है। निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने 2018 में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया था। अग्रवाल को 14 साल की जेल काटनी होगी और उन पर 3,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

निशांत अग्रवाल ब्रह्मोस एयरोस्पेस में एक वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर थे और मिसाइल परियोजनाओं में भी शामिल थे। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस के का एक साझा कार्यक्रम है। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाता है। निशांत ने अपनी टेक्नोलॉजी विशेषज्ञता की वजह से ब्रह्मोस एयरोस्पेस में कई जरूरी परियोजनाओं पर काम किया है। उनके इस गतिविधि में शामिल होने के बाद उनके साथी भी बहुत चौंक गए हैं।

कौन हैं निशांत अग्रवाल?

निशांत अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह ब्रह्मोस एयरोस्पेस में इंजीनियर के तौर पर काम करने लगे। उनकी विशेषज्ञता की वजह से उन्हें बहुत कम समय में ब्रह्मोस एयरोस्पेस में कई जरूरी पदों पर पदोन्नत किया गया और मिसाइल परियोजनाओं पर काम करने वाली टीम का एक जरूरी सदस्य बन गया।

क्या था पूरा मामला?

2018 में इस मामले ने हलचल मचा दी थी क्योंकि यह ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़ा पहला जासूसी मामला था। अग्रवाल दो फेसबुक अकाउंट नेहा शर्मा और पूजा रंजन के जरिए संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में था। इस्लामाबाद से चलाए जा रहे इन अकाउंट्स के बारे में माना जाता है कि इन्हें पाकिस्तान के खुफिया एजेंट चला रहे हैं। ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारी लीक करने के आरोप में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने 2018 में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी के बाद निशांत अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनके खिलाफ आईटी एक्ट और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि उसके कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच की गई और पाया गया कि संवेदनशील डेटा ट्रांसफर किया गया था।