दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से पूरी तरह किनारा कर चुके पत्रकार आशुतोष ने हिंदुओं पर हुए हमले को लेकर पीएम मोदी और आरएसएस पर निशाना साधा है। हालांकि इसके बाद वह खुद निशाने पर आ गए। आशुतोष ने पूछा है कि क्यो हिंदुओं को भारत छोड़ देना चाहिए। धर्म से हिंदू गौरी लंकेश, कन्हैया कुमार पर हमले और पत्रकार रवीश कुमार को धमकी मिलने के बाद उन्होंने यह सवाल पूछा है।
हिंदुओं की हमदर्द होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी पर हमेशा मुखर रहे आशुतोष ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि, गौरी लंकेश को मार दिया गया, जबकि वह हिंदू थीं। छात्र नेता कन्हैया कुमार पर हमला हुआ, वह भी हिंदू हैं। राम गुहा जो कि हिंदू हैं, उन्हें एंटी हिंदू कहा जा रहा है। जाने माने पत्रकार रवीश कुमार को धमकी दी जाती हैं, वह भी हिंदू ही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को ट्विटर पर टैग करते हुए उन्होंने पूछा है कि यह सब कब रुकेगा। क्या हिंदुओं को भारत छोड़ देना चाहिए। आशुतोष के इस ट्वीट पर अभी तक बीजेपी या संघ की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
They kill Gauri Lankesh who was a hindu. They beat up Kanhaiya Kumar who was a hindu, they call @Ram_Guha anti-national who is also a hindu. They threaten Ravish kumar who is a hindu too. Where will it stop @narendramodi ji Bhagwat ji @RSSorg should Hindus leave India ?
— ashutosh (@ashutosh83B) November 2, 2018
आशुतोष द्वारा यह ट्वीट करने के बाद ट्विटर पर वह यूजर्स के निशाने पर आ गए। किसी ने आशुतोष को जाने के लिए टिकट देने का आश्वासन दिया तो कोई कांग्रेसी। एक स्नेहा सिंघवी नाम की यूजर ने लिखा, अगर आप जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो मैं आपका टिकट स्पांसर कर सकती हूं।
गौरतलब है कि कन्नड़ की साप्ताहिक पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की 5 सितंबर 2017 को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गौरी राइट विंग की कट्टर आलोचक थीं। वहीं दो साल पहले कन्हैया कुमार तब सुर्खियों में आए थे जब जेएनयू में उनके छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुए कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगे थे। उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।
वहीं बीते दिनों ही गुजरात की अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाने को राजी हुए मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा को लेकर आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने उनकी नियुक्ति का विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी से अपील की थी कि उनको दिया ऑफर वापस लिया जाए। 16 अक्टूबर को विश्वविद्यालय ने ऐलान किया था कि गुहा को यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ऑर्ट्स ऐंड साइंसेज में बतौर प्रोफेसर और गांधी विंटर स्कूल के डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। वहीं, 19 अक्टूबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया था। इसके बाद अब गुहा ने वहां ज्वाइन करने से इंकार कर दिया है।

