गैर सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा मिलने पर नए सिरे से कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन को अपनी निगरानी सूची में रखा है और आदेश दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से इस अंतरराष्ट्रीय संस्थान से आने वाला समस्त धन मंत्रालय की मंजूरी से ही आएगा।

गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित सभी गतिविधियों पर नजर रखने का फैसला किया है और विदेशी चंदा नियमन कानून, 2010 की धारा 46 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया को यह तय करने का निर्देश दिया कि इस संगठन से आने वाले धन के बारे में गृह मंत्रालय को संज्ञान में रखा जाए।

आदेश के अनुसार, ‘आरबीआइ से अनुरोध है कि सभी बैंकों और उनकी शाखाओं को यह तय करने का निर्देश दिया जाए कि उक्त उल्लेखित एजंसी से भारत में किसी व्यक्ति, एनजीओ, संगठन को आने वाले किसी भी धन को गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाए ताकि मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही प्राप्तकर्ता के खातों में धन जमा किया जा सके। मंत्रालय ने कहा कि वह तय करना चाहता है कि फोर्ड फाउंडेशन से आने वाले धन का इस्तेमाल राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की चिंताओं से समझौता किए बिना उचित कल्याणकारी गतिविधियों में किया जा सके।

गुजरात सरकार ने गृह मंत्रालय से फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी और आरोप लगाया था कि अमेरिका की यह संस्था देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ के माध्यम से सांप्रदायिक वैमनस्य को भी उकसा रही है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कदम उठाया। आरोप हैं कि प्राप्तकर्ता गैर सरकारी संगठनों ने सरकार को अनिवार्य वार्षिक रिपोर्ट और बैलेंस शीट जमा नहीं की हैं।

गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सरकारी संगठन ‘आर्थिक मामलों के विभाग’ की मंजूरी के साथ ही फोर्ड फाउंडेशन से विदेशी चंदा प्राप्त कर सकते हैं। आदेश के अनुसार, ‘सरकारी संस्थानों को इस एजंसी से सीधे धन मिलने के किसी भी मामले में रोक लगाई जा सकती है और इस मंत्रालय के संज्ञान में लाया जा सकता है’। गृह मंत्रालय ने इसी महीने ग्रीनपीस इंडिया के सात बैंक खातों पर रोक लगा दी और उस पर कथित तौर पर एफसीआरए का उल्लंघन करने के मामले में विदेशी धन लेने से रोक लगा दी।