प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दी गई। आज सरकार ने कृषि, मतस्य पालन, पशुपालन, डेयरी उद्योग के लिए रियायतों का ऐलान किया है। वित्त मंत्री आज ‘प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना’ को लेकर बड़ा ऐलान किया।
मछली पालन क्षेत्र के लिए सरकार 20 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देगी। सरकार की कोशिश है कि आने वाले वर्षों में मछली पालन मौजूदा स्तर का दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार डेयरी सेक्टर के कर्ज के ब्याज पर 2 फीसदी की छूट देगी। लाखों- करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिलेगा। देश में पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। पशुओं के वैक्सिनेशन के लिए सरकार 13 हजार करोड़ खर्च करेगी।
मधुमक्खी पालन के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए की योजना पेश की है। जिससे किसानों को अतिरिक्त आय भी मिलेगी और देश में शहद का उत्पादन बढ़ेगा। 2 लाख मधुमक्खी पालकों को इसका फायदा मिलेगा। देश में हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए की हर्बल खेती योजना का ऐलान किया है। इसके तहत गंगा किनारे हर्बल खेती की जाएगी और उससे दवाईंयां बनायी जाएंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को दो महीने मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इसके तहत प्रवासी मजदूरों को पांच किलो अनाज और एक किलो दाल मुफ्त दी जायेगी। यह सुविधा उन प्रवासी कामगारों को भी उपलब्ध होगी जिनके पास उस राज्य का राशन कार्ड नहीं है जहां वह फंसे हैं अथवा वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नहीं आते हैं। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिये राज्यों को अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति की जायेगी। मुफ्त अनाज की आपूर्ति मई और जून 2020 के दौरान होगी।
सब्जी आपूर्ति के लिए सरकार ऑपरेशन ग्रीन के तहत किसानों को लाभ देगी। इसमें कृषि उत्पादों के भंडारण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग का काम किया जाएगा।
देश में हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए की हर्बल खेती योजना का ऐलान किया है। इसके तहत गंगा किनारे हर्बल खेती की जाएगी और उससे दवाईंयां बनायी जाएंगी।
मधुमक्खी पालन के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए की योजना पेश की है। जिससे किसानों को अतिरिक्त आय भी मिलेगी और देश में शहद का उत्पादन बढ़ेगा। 2 लाख मधुमक्खी पालकों को इसका फायदा मिलेगा।
देश में पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। पशुओं के वैक्सिनेशन के लिए सरकार 13 हजार करोड़ खर्च करेगी।
सरकार डेयरी सेक्टर के कर्ज के ब्याज पर 2 फीसदी की छूट देगी। लाखों- करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
सरकार आने वाले सालों में 53 लाख मवेशियों का बीमा करेगी। इसके साथ ही डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मछली पालन क्षेत्र के लिए सरकार 20 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देगी। सरकार की कोशिश है कि आने वाले वर्षों में मछली पालन मौजूदा स्तर का दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार ने फसल बीमा के लिए 64 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 560 लाख लीटर दूध किसानों से डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटीज द्वारा खरीदा गया।
सरकार ने एमएसपी के तहत किसानों से करीब 74 हजार 300 करोड़ रुपए की कीमत की फसल खरीदी है।
सरकार फूड प्रोसेसिंग के काम पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके तहत बिहार में मखाना, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्ची क्लस्टर, तेलंगाना में हल्दी क्लस्टर और यूपी में मैंगो क्लस्टर बनाए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि सरकार आर्थिक पैकेज के तहत कृषि इंफ्रास्टक्चर के विकास पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। जिसमें कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, ब्रांडिंग आदि का काम शामिल है।
वित्त मंत्री ने बताया कि तीसरी किस्त के तहत कृषि सेक्टर और उससे जुड़े सेक्टर्स के लिए आज बुनियादी ढांचे से जुड़े ऐलान किए जाएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को दो महीने मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके तहत प्रवासी मजदूरों को पांच किलो अनाज और एक किलो दाल मुफ्त दी जायेगी। यह सुविधा उन प्रवासी कामगारों को भी उपलब्ध होगी जिनके पास उस राज्य का राशन कार्ड नहीं है जहां वह फंसे हैं अथवा वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नहीं आते हैं। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिये राज्यों को अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति की जायेगी। मुफ्त अनाज की आपूर्ति मई और जून 2020 के दौरान होगी।
एक मार्च, 2020 से 30 अप्रैल, 2020 के बीच कृषि क्षेत्र में 86,600 करोड़ रुपये के 63 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं। नाबार्ड ने मार्च 2020 में सहकारी बैंकों और आरआरबी को 29,500 करोड़ रुपये का पुर्निवत्तपोषण प्रदान किया है। ग्रामीण अवसंरचना के लिए मार्च के दौरान ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के तहत 4,200 करोड़ रुपये का समर्थन प्रदान किया गया है। इसके अलावा, मार्च 2020 से राज्य सरकार की संस्थाओं को कृषि उपज की खरीद के लिए 6,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी सीमा को मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रदान की जाने वाली 90,000 करोड़ रुपये की राशि से आगे बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये की यह धनराशि दी जायेगी।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘नाबार्ड, सहकारी ग्रामीण बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की, फसल ऋण आवश्यकताओं के लिए 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पुर्निवत्तपोरण समर्थन प्रदान करेगा। यह मई - जून में रबी फसल की कटाई बाद तथा मौजूदा खरीफ फसलों की जरुरतों को पूरा करने में मदद करेगा।’’
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि मछुआरों और पशुपालन के काम से जुड़े किसानों सहित 2.5 करोड़ किसानों को सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये का रियायती ऋण मिल सकेगा। कोविड-19 संकट की मार झेल रहे लघु और सीमांत किसानों के लिए राहत उपायों की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नाबार्ड द्वारा अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी का वित्तपोषण किया जायेगा, जिससे लगभग तीन करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
सरकार ने 50 हजार रुपए तक के मुद्रा लोन पर दो प्रतिशत की ब्याज छूट देने का ऐलान किया है। देश में इस मद में सरकार ने 1,62,000 करोड़ रुपए के लोन बांटे हुए हैं, ऐसे में सरकार को ऐलान के मुताबिक छूट देने में करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
देश के करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को सरकार 5 हजार करोड़ की मदद देगी। वहीं किसानों को करीब 2 लाख करोड़ रुपए की मदद की जाएगी। बता दें कि देश के 3 करोड़ किसानों को 4 लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण पहले ही दिया जा चुका है। अब सरकार ने 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड को मंजूरी दी है, जिसकी ऋण लिमिट 25 हजार करोड़ रुपए होगी।
गुरुवार को वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त राशन मिलेगा। प्रवासी मजदूरों को कम किराए के मकान किराए पर मिलेंगे। मुद्रा लोन लेने वालों को सरकार ने राहत दी है। इसके साथ ही 6 लाख से 18 लाख तक की सालाना आमदानी वालों को हाउसिंग लोन पर सब्सिडी मिलेगी।
सरकार 20 लाख करोड़ रुपए के 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत गुरुवार को वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, मुद्रा लोन, स्ट्रीट वेंडर्स, आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी घोषणाएं की।
सीएनबीसी टीवी-18 की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड', एलटीजीसी, डीडीटी टैक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि क्षेत्र की योजनाओं का ऐलान कर सकती हैं।