Anantnag Court Judge: जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है। बाढ़ के पानी से जम्मू और दक्षिण कश्मीर के कई इलाके डूब चुके हैं। बुधवार को बाढ़ की वजह से जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग जिला न्यायालय परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ के बावजूद, प्रधान जिला न्यायाधीश ताहिर खुर्शीद रैना स्थिति का आकलन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि न्यायिक कार्य, जिसमें मुख्य रूप से जरूरी मामले बाधित न हों। इसकी वजह से वो नाव में सवार होकर कोर्ट परिसर पहुंचे।

अभूतपूर्व बाढ़ के कारण न्यायिक कामकाज ठप्प पड़ गया, अदालत कक्ष, कार्यालय और रिकॉर्ड रूम जलमग्न हो गए। हालांकि, जज रैना नाव में सवारकर होकर न्यायिक रिकॉर्ड की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए पानी में डूबे कोर्ट परिसर का जायजा लिया। उन्होंने रिमांड मामलों और जमानत आवेदनों के संबंध में पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

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बार एंड बेंच से बात करते हुए जज रैना ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के दौरान भी न्याय तक पहुंच से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को इस मुश्किल घड़ी में आगे आना होगा। बाढ़ ने अदालत को भले ही डुबो दिया हो, लेकिन न्याय को नहीं डूबना चाहिए। इस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फिरोज अहमद खान भी न्यायाधीश रैना के साथ थे।

न्यायालय के अधिकारियों ने पुष्टि की कि बाढ़ के कारण नियमित कार्यवाही स्थगित कर दी गई है, लेकिन अभिलेखों की सुरक्षा तथा अत्यावश्यक मामलों के समाधान के लिए असाधारण प्रयास किए जा रहे हैं।

एक वकील ने कहा कि प्रधान जिला न्यायाधीश का बाढ़ प्रभावित न्यायालय परिसर में नाव से जाने का असामान्य दृश्य, प्रतिकूल परिस्थितियों में भी न्याय को कायम रखने के न्यायपालिका के संकल्प का प्रतीक बन गया है।

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