पत्रिका ‘द लैंसेट’ द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई। विश्लेषण में पाया गया कि सामान्य जीवाणु संक्रमण 2019 में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण था और विश्व स्तर पर हर आठ मौतों में से एक इससे संबंधित थी।उन्होंने कहा कि सबसे घातक जीवाणु रोगजनक और संक्रमण के प्रकार स्थान और उम्र के अनुसार भिन्न होते हैं।

शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत में पांच जीवाणु – ई कोलाई, एस.निमोनिया, के.निमोनिया, एस. आरियस और ए. बाउमानी- सबसे घातक पाए गए जिनकी वजह से अकेले 2019 में 6,78,846 (करीब 6.8 लाख) लोगों की जान गई। अध्ययन के अनुसार ई कोलाई सबसे घातक रोगजनक था जिसके चलते भारत में 2019 में 1,57,082 (1.57 लाख) लोगों की जान गई। अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक तौर पर जीवाणु संक्रमण 2019 में मृत्यु के प्रमुख कारण के रूप में इस्केमिक हृदय रोग के बाद दूसरे स्थान पर था।

शोधकर्ताओं ने कहा कि तपेदिक, मलेरिया और एचआइवी जैसे रोगजनकों के लिए कई आकलन मौजूद हैं लेकिन अब तक, जीवाणु रोगजनकों के रोग के भार का अनुमान कुछ विशिष्ट रोगजनकों और संक्रमण के प्रकारों तक सीमित था या केवल विशिष्ट आबादी पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि 2019 में एचआइवी/एड्स (864,000 मौतों) की तुलना में अधिक मौतें दो सबसे घातक रोगजनकों – एस. आरियस और ई. कोलाई से जुड़ी थीं। नया अध्ययन 33 सामान्य जीवाणु रोगजनकों और 11 प्रमुख संक्रमण प्रकारों से जुड़ी मृत्यु दर का पहला वैश्विक अनुमान प्रदान करता है – जिसे संक्रामक सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। इससे सेप्सिस से मृत्यु हो जाती है। यह आकलन 204 देशों और क्षेत्रों में सभी उम्र और लिंगों के लिए तैयार किए गए थे।

‘ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज 2019’ और ‘ग्लोबल रिसर्च आन एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस’ (जीआरएएम) अध्ययनों से आंकड़ों और विधियों का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने प्रत्येक रोगजनक से जुड़ी मौतों और जिम्मेदार संक्रमण के प्रकार का अनुमान लगाने के लिए 34.3 करोड़ व्यक्तिगत रेकार्ड और ‘पैथोजन आइसोलेट्स’ का उपयोग किया। 2019 की अनुमानित 1.37 करोड़ संक्रमण से संबंधित मौतों में से मौत के 77 लाख मामले अध्ययन वाले 33 जीवाणु रोगजनकों से जुड़े थे।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जीवाणुओं से संबंधित मौत के 77 लाख मामलों में से 75 फीसद की मौत तीन सिंड्रोम- लोअर रेसपिरेटरी इंफेक्शंस (एलआरआइ), ब्लडस्ट्रीम इंफेक्शंस (बीएसआइ) और पेरिटोनल एंड इंट्रा एब्डोमिनल इंफेक्शंस (आइएए) के कारण हुई।उन्होंने कहा कि जिन जीवाणुओं का अध्ययन किया गया उनमें से पांच रोगजनक- ई कोलाई, एस.निमोनिया, के.निमोनिया, एस. आरियस और ए. बाउमानी- 54.2 फीसद मौत के लिए जिम्मेदार थे।