जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का साथ मिला है। NHRC ने खेल मंत्रालय से इस बात पर जवाब मांगा है कि रेशलिंग फेयरेशन समेत पांच अन्य खेल निकायों में यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने वाली इंटरनल कंप्लेंट कमेटी क्यों नहीं बनाई गई। आयोग का नोटिस खेल मंत्रालय की परेशानी बढ़ाने वाला है, क्योंकि पहलवान कई दिनों से इसी बात को लेकर देश की राजधानी में धरना दे रहे हैं।

BCCI और SAI में भी नहीं है कोई इंटरनल कंप्लेंट कमेटी

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक खेल मंत्रालय के तहत काम करने वाली BCCI (क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) SAI (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) भी शामिल है। पैनल का कहना है कि रेशलिंग फेडरेशन समेत पांच अन्य निकायों में कानून के मुताबिक ऐसी कोई कमेटी नहीं बनाया गई जो इस तरह की शिकायतों से निपटने में कारगर हो। खेल मंत्रालय के लिए आयोग के नोटिस का जवाब देने में दुश्वारी होनी तय है, क्योंकि पहलवान हमलावर हैं।

देश के दिग्गज खिलाड़ियों ने लगाए हैं बृजभूषण सिंह पर तीखे आरोप

रेसलिंग फेडरेशन में महिला खिलाड़ियों से उत्पीड़न के मसले पर देश के दिग्गज पहलवान जंतर मंतर पर कई दिनों से धरना दे रहे हैं। विनेश फौगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया जैसे खिलाड़ियों ने फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह पर तीखे आरोप जड़े हैं। वो बीजेपी के सांसद भी हैं। पहलवानों को उनके खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। सीजेआई के आदेश के बाद बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज हुई थी।

लेकिन पहलवानों का कहना है कि उनके साथ अभी भी न्याय नहीं हुआ। पहलवानों की तरफ से पेश वकीलों ने सीजेआई से अपील की थी कि वो बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच के लिए अपनी निगरानी में एक कमेटी का गठन करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ये मांग नहीं मानी थी। सीजेआई का कहना था कि खिलाड़ी चाहे तो अपनी किसी दिक्कत के लिए हाईकोर्ट या फिर लोकल कोर्ट का रुख कर सकते हैं। उनकी मांग बृजभूषण सिंह पर केस दर्ज करने को लेकर थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरा कर दिया है। लिहाजा ये रिट बंद की जाती है। पहलवान अभी भी जंतर मंतर पर डटे हैं।