उत्तर प्रदेश पुलिस की स्वाट के पांच सदस्यों को हाथों में ऑटोमेटिक हथियार और आंखों पर काले चश्मे के साथ स्लो मोशन का वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया में शेयर करने के चलते ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा एक जांच टीम का भी गठन किया गया है। जानकारी के मुताबिक करीब दो मिनट का यह वीडियो बस्ती के क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह के फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया गया है।
वीडियो के बैकग्राउंड में हरियाणवी गाना भी बज रहा है। वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए कहा कि उन्होंने “हथियारों के अव्यवसायिक प्रदर्शन” को मंजूरी नहीं दी। बस्ती स्वाट टीम के वायरल वीडियो पर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बस्ती के एसपी को पूरी स्वाट टीम को पुलिस लाइन ट्रांसफर करने के निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने पूरी मामले की जांच सर्किल ऑफिसर से कराने को भी कहा।
गौरतलब है कि चार दिन पहले क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह ने अपनी टीम के साथ बलात्कार के आरोपी असगर का एनकाउंटर किया था, और असगर के पैर में गोली लगी थी, और अब विक्रम सिंह सरकारी असलहों के साथ इस वीडियो में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं । सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब लाइक भी मिल रहे हैं। इस बाबत पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
बता दें कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के बनने के बाद से राज्य में कम से कम 100 लोगों का एनकाउंटर किया गया है। एकाउंटर्स की वजह से प्रदेश सरकार पर विपक्ष कई बार निशाना भी साधता रहा है। हालांकि योगी आदित्य नाथ और प्रदेश पुलिस इसका बचाव करती रही है।
बीते साल यूपी पुलिस चीफ ओपी सिंह ने कहा, ‘एनकाउंटर कठोर अपराधियों को गिरफ्तार करने की रणनीति का हिस्सा थी।’ उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा था, ‘एनकांउटर अपराध की रोकथाम का हिस्सा है। सच्चाई यह है कि प्रदेश की नीति नहीं है मगर पुलिस रणनीति है। हम इसे एनकाउंटर नहीं बल्कि पुलिस एंगेजमेंट कहते हैं।’