गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले में फैली हिंसा पर पुलिस की जांच जारी है। दरअसल, 26 जनवरी के दिन जब पूरे दिल्ली में किसान संगठन ट्रैक्टर रैली निकाल रहे थे, तब कुछ प्रदर्शनकारी निर्धारित रूट से अलग होकर लाल किले में तोड़फोड़ करने पहुंच गए थे। अब सीसीटीवी और अन्य चीजों के जरिए जो जांच हुई है, उसमें पांच लोगों को पहचाना गया है। सूत्रों के मुताबिक, इन पांच लोगों पर पंजाब में आपराधिक मामले दर्ज हैं और राज्य पुलिस उन्हें पहले भी उठा चुकी है। फिलहाल उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस छापे मारने में जुटी है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर करीब 30-40 ट्रैक्टरों और 150 से ज्यादा बाइक-कारों में एक हजार से ज्यादा लोग लाल किले की तरफ आए और जबरन इसके परिसर में घुसकर उपद्रव करने लगे। कोतवाली एसएचओ ऋतुराज की शिकायत पर दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक, लाल किले में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस के जवानों को दौड़ाया और उनके साथ मारपीट भी की। इतना ही नहीं कुछ जवानों के तो हथियार और बचाव के सामान भी छीन लिए। इसके अलावा लाल किले के टिकट काउंटर को तोड़ दिया और कुछ लोगों को पब्लिक टॉयलेट में ही बंधक बनाकर रख लिया।

सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों की पहचान कर ली है। इनमें से पांच से छह लोगों की जानकारी पंजाब पुलिस से वेरिफाई की गई है। कुछ लोगों पर पहले हत्या की कोशिश का केस भी चल चुका है, जबकि अन्य को झड़प के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा कुछ हिंसक प्रदर्शनकारी दिल्ली के ही रहने वाले लोग मिले हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने से पहले सभी जरूरी सबूत जुटा रही है।

दिल्ली पुलिस के एडिशनल पीआरओ अनिल मित्तल ने कहा कि अब तक पुलिस ने किसान रैली से जुड़े 38 केस दर्ज किए हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। शनिवार को ही फॉरेंसिक टीम लाल किले में सबूत इकट्ठा करने पहुंची थी। सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए उनकी जानकारी निकालने में भी जुटे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि वे ट्रैक्टर के मालिकों को ट्रेस करेंगे और उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजेंगे। साथ ही उनकी जानकारी फेस रिकग्नीशन सिस्टम के जरिए की जाएगी।