वायुसेना ने पहली महिला फाइटर पायलट बनने जा रही तीनों ट्रेनी को सलाह दी है कि वे कम से कम चार साल तक मां न बनेें।  तीनों महिला ट्रेनी भावना कांत, मोहना सिंह और अ‍वनि चतुर्वेदी जून में फाइटर पायलट के लिए शामिल की जाएंगी। वायुसेना का कहना है कि यह केवल सलाह है। किसी तरह का बाध्‍यकारी नियम नहीं है। वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने बताया,’प्रेगनेंट होने को टालने की सलाह दी गई है। यह इसलिए किया गया है ताकि प्रशिक्षण में बाधा न आए।’

इन तीनों महिलाओं को जून में आखिरी चरण के तहत लड़ाकू ट्रेनिंग दी जाएगी। वायुसेना के अनुसार फाइटर पायलेट के लिए पांच साल का नियमित बाधारहित प्रशिक्षण आवश्‍यक होता है। सभी वायुसेनाओं में ऐसा होता है। इन महिलाओं का एक साल का प्रशिक्षण लगभग पूरा होने वाला है। तीनों महिलाओं ने हाल ही में स्‍टेज 2 प्रशिक्षण पूरा किया है। अब वे जून 2016 में कर्नाटक के बीदर स्‍टेज 3 की प्रशिक्षण के लिए जाएंगी। बीदर में तीनों महिलाएं ब्रिटिश हॉक विमान चलाएंगी। इस ट्रेनिंग के बाद वे सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान चलाएंगी।