Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा इलेक्शन के पहले चरण का मतदान जारी है। पहले फेज में 21 राज्यो की 102 सीटों पर वोटिंग हो रही है। इलेक्शन जीतने के लिए हर एक राजनीतक दल अपनी तरफ से जीत के लिए जी जान से लगे हुए हैं। आज हम उन उम्मीदवारों के बारे में बताने जा रहें है जिन्होंने सबसे ज्यादा और कम अंतर के वोटों से जीत हासिल की है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड के सी पाटिल के नाम दर्ज हैं तो सबसे कम वोट से विजय हासिल कर लोकसभा पहुंचने का सौभाग्य भारतीय जनता पार्टी के सोम मरांडी और कांग्रेस के कोंथाला रामकृष्ण को मिला है।
2019 में के सी पाटिल ने नवसारी लोकसभा सीट नवसारी से 6.89 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। भाजपा के सोम मरांडी के नाम 1998 के चुनाव में बिहार के राजमहल संसदीय क्षेत्र से सबसे कम मात्र 9 मतों से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसके अलावा 1989 के आम चुनाव में आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली संसदीय सीट से कांग्रेस के कोंथाला रामाकृष्ण ने भी 9 वोटों के अंतर से ही जीत हासिल की थी।
पहले आम चुनाव से लेकर अब तक कम और ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करने वाले सांसद
1952 लोक सभा में बस्तर के निर्दलीय उम्मीदवार मुचकी कोसा सबसे ज्यादा 1,41,331 मतों से विजयी हुए थे। कोंताई पश्चिम बंगाल सीट से कांग्रेस के रूपकुमार सिर्फ 127 वोटों के अंतर से ही जीत पाए थे। अब बात की जाए 1962 के आम चुनाव की तो यहां पर सबसे ज्यादा वोटों से जीतने के मामले में स्वतंत्र पार्टी की गायत्री देवी ने राजस्थान के जयपुर से एक लाख 57 हजार 692 वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं, इन्हीं इलेक्शन में सोशलिस्ट उम्मीदवार रिशांग सबसे कम 42 मतों से जीतने वाले उम्मीदवार थे। वह मणिपुर की आउटर मणिपुर सीट से सांसद चुने गए थे।
निर्दलीय उम्मीदवार के सिंह ने 1967 के आम चुनाव में सबसे ज्यादा एक लाख 93 हजार 816 मतों से जीत पाई थी। वह राजस्थान के बीकानेर से सांसद बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस के एम राम ने हरियाणा के करनाल से 203 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। 1971 में कांग्रेस के एमएस संजीवी राव ने आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से सबसे ज्यादा 2,92,926 मतों से विजय पाई तो इसी चुनाव में सबसे कम 26 मतों से जीत द्रमुक के एमएस शिवासामी को तमिलनाडु के त्रिरुचेन्दूर में मिली।
रामविलास पासवान ने जीत की दर्ज
1977 में रामविलास पास भारतीय लोक दल के टिकट पर बिहार के हाजीपुर से सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले प्रत्याशी थे। उन्होंने चार लाख 24 हजार 545 वोटों से विजई परचम लहराया था। इस चुनाव में पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के देसाई दजीबा बलवंतराव ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 165 वोटों से जीत पाई थी। 1980 लोकसभा चुनाव में महाराजा मार्तंड सिंह मध्य प्रदेश के रीवा से ज्यादा वोटों के अंतर से जीते थे। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े सिंह को दो लाख 38 हजार 351 मतों से जीत मिली। इस चुनाव में कांग्रेस(आई) के रामायण राय उत्तर प्रदेश के देवरिया से केवल 77 वोटों से जीते थे।
अब बात 1984 के लोकसभा इलेक्शन की की जाए तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के अमेठी से सर्वाधिक 3,14,878 मतों से विजय पाई तो शिरोमणि अकाली दल के मेवा सिंह पंजाब के लुधियाना से महज 140 वोटों के अतर से जीते। 1989 लोकसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर बिहार के हाजीपुर से लड़े रामविलास पासवान को सबसे ज्यादा 5,04,448 वोटों से जीत मिली तो इस चुनाव में सबसे कम नौ मतों के अंतर से जीत कांग्रेस कोंथाला रामकृष्ण को आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली से मिली।
1991 के चुनाव में कांग्रेस के संतोष मोहन देव के नाम त्रिपुरा में त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 428984 मतों से जीतने का रिकॉर्ड रहा तो जनता दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश के अकबरपुर से रामअवध सबसे कम 156 मतों से जीते। 1996 में डीएमके के सोमू एनवीएन ने तमिलनाडु के मद्रास पूर्व से सबसे ज्याद 3,89,617 मतों से तो इसी चुनाव में कांग्रेस के गायकवाड़ सत्यजीत सिंह दिलीप सिंह गुजरात के वड़ोदरा में सबसे कम 17 वोटों के अंतर से विजय हासिल कर लोकसभा पहुंचे।
1998के लोकसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. कथीरिया वल्लभभाई रामजीभाई ने गुजरात के राजकोट से 3,54,187 मतों से जीत पाई तो भाजपा के सोम मरांडी बिहार के राजमहल से मात्र नौ वोटों से जीते थे। 1999 लोकसभा चुनाव में नागालैंड से कांग्रेस के के.के.असुंगमबा सगंथम सबसे ज्यादा 3,53,598 मतों से विजय हासिल की थी। सबसे कम 107 मतों से घाटमपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के प्यारेलाल शंखनार चुनाव जीते थे।
अनिल बसु ने जीत की दर्ज
साल 2004 में अनिल बसु ने माकपा उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल के आरामबाग से 5,92,502 मतों से जीत का रिकॉर्ड बनाया था। इस चुनाव में जनता दल (यूनाइटिड) के डॉ. पी पुकुनहीकोया लक्षद्वीप से 71 वोटों से जीते। 2009 में नागालैंड पीपुल्स फ्रंट के सीएम चांग ने नागालैंड की नागालैंड सीट से 483021 मतों से जीत हासिल की तो सबसे कम मतों से जीत कांग्रेस के नमो नारायण को राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर से मिली। वे 317 मतों से जीते।
पीएम मोदी भारी वोटों से जीते
2014 लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में मोदी ने यूपी की वाराणसी और गुजरात की वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़ा था। मोदी ने केवल एक ही नहीं बल्कि दोनों ही सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, बाद में वडोदरा की सीट छोड़ दी थी। इस चुनाव में मोदी के नाम वड़ोदरा सीट से सबसे ज्यादा 570128 मतों से जीत का रिकॉर्ड है। इसी चुनाव में भाजपा के थुपस्तान छेवांग को जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से 36 वोटों से जीत मिली थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर बढ़ कर 6,89लाख मत का हो गया। गुजरात के लोकसभा सीट से के सी पाटिल ने अपने निकट तम प्रत्याशी कांग्रेस के धर्मेश भाई भीमभाई पटेल को हराया था। पाटिल को9.72लाख और धर्मेश भाई पटेल को 2.83लाख मत मिले थे। सबसे कम मतों से जीतने का रिकार्ड भोलानाथ (बी.पी सरोज) के नाम रहा। मछलीशहर सीट से भोलानाथ केवल 181 वोटों के अंतर से ही जीत पाए थे।