गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने शुक्रवार को हुए हादसे के संबंध में बालासोर जीआरपी स्टेशन पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आईपीसी की धारा 337/338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 304A (लापरवाही से मौत का कारण), 34 (सामान्य इरादा) और रेलवे अधिनियम की धारा 153/154/175 (खतरे में सुरक्षा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

3 जून को दर्ज हुई थी FIR

ये एफआईआर दुर्घटना के एक दिन बाद 3 जून की है। बालासोर जीआरपी स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर पप्पू नायक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के अनुसार रेलवे कर्मचारियों की संलिप्तता का अभी तक पता नहीं चला है और जांच के दौरान इसका पता लगाया जाएगा। मामले की जांच के लिए सब डिवीज़नल रेलवे पुलिस अधिकारी को लगाया गया है।

इस बीच एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार लोको पायलट गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहरा की हालत स्थिर है। कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद स्थानीय निवासियों ने लोको पायलट गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहरा को बचाया।

लोको-पायलट की हालत स्थिर

दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) आदित्य चौधरी ने कहा कि लोको-पायलट की हालत स्थिर है। उन्होंने कहा कि लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के गार्ड बीजे राव भी स्थिर हैं और भुवनेश्वर के अस्पताल में भर्ती हैं।

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लोको पायलट गुणनिधि मोहंती की बायीं पसली में कई फ्रैक्चर हैं और ऑपरेशन के बाद उनकी हालत स्थिर है। जबकि हजारी बेहरा को इंटरट्रोकैनेटरिक फ्रैक्चर (हिप फ्रैक्चर का एक प्रकार) और सिर में चोटें आई हैं और अभी उनकी सर्जरी होनी बाकी है। दोनों को आईसीयू से बाहर निकाल लिया गया है और शनिवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं मोहंती और बेहरा के परिवार के सदस्यों ने निजता का हवाला देते हुए उन्हें ठीक होने देने की अपील की।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार दोनों के प्रारंभिक बयान दर्ज कर लिए गए हैं। बता दें कि ओडिशा हादसे में 275 लोगों की जान चली गई जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।