First 40 Days Of CJI: सुप्रीम कोर्ट के नए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के पहले 40 दिनो पर नजर डाली जाए तो लगता है कि शीर्ष अदालत के कामकाज में व्यापक सुधार आया है। इस दौरान अदालत में लिस्ट होने वाले केसों की तुलना में निपटाए गए मामलों की संख्या ज्यादा रही।
रोजाना 228 केस सुप्रीम कोर्ट में निपटाए गए
डीवाई चंद्रचूड़ के पहले 40 दिनों में 6,844 केस निपटाए गए जबकि इस दौरान 5,898 मामले सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट हुए। रोजाना 228 केसों का निपटारा सुप्रीम कोर्ट में किया गया। इस दौरान रोजाना 179 केस लिस्ट हुए। विंटर वेकेशन से पहले के सप्ताह के दौरान 1663 केस निपटाए गए।
सीजेआई बनने के बाद चंद्रचूड़ ने फैसला लिया था कि रोजाना हर बेंच के पास 10 बेल और 10 ट्रांसफऱ एप्लीकेशंस लिस्ट कराई जाएं, जिनका सही समय पर निपटारा हो। 18 नवंबर को उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 13 बेंच काम कर रही हैं। इसके हिसाब से रोजाना 130 ऐसे मामले निपटने थे। हफ्ते में इनकी संख्या 650 होगी। तब उनका कहना था कि सर्दी की छुट्टी शुरू होने तक पांच हफ्तों में सारी ट्रांसफर पटीशन निपट जाएंगी।
चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस के तौर पर पदभार ग्रहण किया। राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रचूड़ को सीजेआई के तौर पर शपथ ग्रहण कराई थी। उन्होंने सीजेआई यूयू ललित की जगह ली है। शपथ ग्रहण के बाद चंद्रचूड़ ने कहा था कि देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। वो कोशिश करेंगे कि सभी को न्याय मिल सके और ये काम पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा तेजी से हो। उनके पिता भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे थे।
चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ जस्टिस थे। वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल फरवरी 1978 से जुलाई 1985 तक तकरीबन सात साल रहा। यह किसी सीजेआई का अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं। ये माना जा रहा था कि उनके दिशा निर्देशन में सुप्रीम कोर्ट लीक से हटकर काम करेगा क्योंकि वो हमेशा लाईन से हटकर काम करने वाले माने जाते हैं। पहले 40 दिनों में ये बात साफ तौर पर दिखी भी। गौरतलब है कि कॉलेजियम की सिफारिशों को लेकर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट और कानून मंत्री किरन रिजेजु के बीच तल्खी लगातार चल रही है।