सोमवार सुबह जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस (Jaipur Mumbai Central Express Train) में फायरिंग की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, RPF के एक कांस्टेबल द्वारा की गई इस फायरिंग में रेलवे पुलिस फोर्स के एक ASI टीका राम मीणा के अलावा 3 और लोगों की मौत हो गई। इन तीनों की पहचान सैय्यद सैफुल्लाह, अब्दुल कादिर मोहम्मद और असगर शेख के रूप में हुई है।
जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस के जरिए असगर काम की तलाश में मुंबई जा रहा था, सैय्यद सैफुल्लाह को मुंबई के रास्ते हैदराबाद जाना था। उन्हें इसी महीने दुबई जाना था। सैय्यद सैफुल्लाह RPF कांस्टेबल चेतन का चौथा शिकार थे। उनके पीछे तीन बेटियां इस दुनिया में रह गईं और सबसे छोटी महज 6 साल की है। सैय्यद सैफउल्लाह हैदराबाद में एक मोबाइल शॉप पर काम करते थे। वो दुकाने के मालिक के साथ अजमेर से लौट रहे थे।
काम की तलाश में मुंबई जा रहे थे असगर
रिपोर्ट में कहा गया है कि 48 साल के असगर शेख पहली बार मुंबई जा रहे थे। उनका मुंबई जाने का मकसद काम की तलाश था। बिहार के मधुबनी जिले से संबंध रखने वाले असगर तीन साल पहले जयपुर शिफ्ट हुए थे, वहां वो चुड़ियां बनाने का काम करते थे। वर्तमान आमदनी से गुजरा न चलने की वजह से वो बेहतर काम की तलाश में मुंबई जा रहे थे। असगर शेख के परिवार में पत्नी के अलावा चार बेटियां और एक बेटा है। उनका परिवार सरकार से मुआवजे की मांग और उनकी विधवा के लिए सरकारी नौकरी की डिमांड कर रहा है।
अब्दुल कादिर को जाना था दुबई
चेतन सिंह की गोलियां का टारगेट बनने वाले एक अन्य व्यक्ति अब्दुल कादिर मोहम्मद महाराष्ट्र के नाला सोपारा में पिछले 25 सालों से रह रहे थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा, दो बेटे, बहु और एक पोता है। उनका परिवार दुबई जा चुका है लेकिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की वजह से वो नहीं जा पाए। अब्दुल एक व्यापारी थे और अपने मुहर्रम के लिए अपने गांव जा रहे थे। उनकी हत्या की खबर मिलने के बाद उनका परिवार मुंबई लौट आया है।