Sambhal MP Zia ur Rehman Barq: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्त एक्शन लेते हुए सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बताना होगा कि संभल में बीते दो दिनों से तनाव का माहौल है। यह सारा विवाद तब शुरू हुआ था जब कोर्ट कमिश्नर की एक टीम संभल की जामा मस्जिद में सर्वे करने के लिए पहुंची थी। अब तक हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हो चुके हैं।
हालात को देखते हुए इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है।
हिंसा में मारे गए लोगों की पहचान कोट कुर्वी इलाके के निवासी नईम, सराय तारीन के बिलाल, संभल के हयात नगर के रहने वाले नोमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है। पुलिस अफसरों ने बताया कि रविवार शाम को पोस्टमार्टम के बाद सभी के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए।
सांसद जिया उर रहमान बर्क के अलावा स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। सोहेल इकबाल भी सपा के नेता हैं। पुलिस ने बताया कि इन दोनों पर हिंसा भड़काने, भीड़ जुटाने और अशांति फैलाने का आरोप है।
जिला प्रशासन ने उठाए सख्त क़दम
जिला प्रशासन ने पत्थर, सोडा की बोतलें या किसी भी ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री को खरीदने या जमा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि के 30 नवंबर तक बिना अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस ने कहा है कि उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं और इससे अक पुलिस अधिकारी के पैर में गोली लग गई जबकि अन्य पुलिस अफसरों को छर्रे लगे और इस हिंसा में 15 से 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए। डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया। हिंसा को लेकर सामने आई तस्वीरों में लोगों को इमारतों की छतों से और शाही जामा मस्जिद के सामने से पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए देखा जा सकता है।
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बीजेपी पर हमलावर हुए विपक्षी दल
विपक्षी दलों ने हिंसा को लेकर बीजेपी की आलोचना की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोली चलाई और यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी-आरएसएस की सुनियोजित साजिश की वजह से हुआ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बीजेपी की आलोचना की और आरोप लगाया कि उसकी सरकार और प्रशासन ने हिंसा की साजिश रची है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनावों में हार के बाद से ही इंडिया गठबंधन अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन इस मामले में याचिकाकर्ता हैं। जैन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सिविल जज की अदालत से आग्रह किया था कि वह इस जगह का नियंत्रण अपने हाथ में ले ले। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा का दावा है कि इस स्थान पर पहले मंदिर था, उसे मुगल बादशाह बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था।