उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में एक भाषण के दौरान RSS के विचारक विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कथित रूप से “अपमानजनक टिप्पणी” करने के लिए मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता संदीप पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि यह मामला हिंदू महासभा के नेता की शिकायत पर दर्ज की गई है।

हिंदू महासभा के नेता की शिकायत पर मामला दर्ज: सिविल लाइंस सर्कल अधिकारी (सीओ) अनिल सामनिया ने बताया कि संदीप पांडे पर धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 1B (यदि कोई व्यक्ति  किसी  बयान, अफवाह या रिपोर्ट को बनाने, प्रकाशित करने या प्रसारित करने , से राज्य के विरुद्ध या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित हो) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला हिंदू महासभा के नेता राजीव कुमार की शिकायत के बाद दर्ज कि गया है। पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी सोमवार (20 जनवरी) को दर्ज की गई थी।

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सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी कैसे कह सकते हैं : पांडे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बुधवार (22 जनवरी) को बताया कि, “मैंने अपने भाषण के दौरान कहा कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से पेंशन ली और दया याचिका लिखी, इसलिए हम उन्हें स्वतंत्रता सेनानी कैसे कह सकते हैं। यह सरकार किस तरह का उत्पीड़न कर रही है।” यह उत्पीड़न वैसा ही है जैसा अंग्रेज करते थे। सरकार अंग्रेजों के तरीकों का उपयोग कर रही है क्योंकि इस सरकार के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में कभी भाग नहीं लिया। सावरकर को छोड़कर उनमें से कोई भी जेल नहीं गया और यहां तक ​​कि सावरकर भीख मांग कर बाहर आए और अंग्रेजों से पेंशन लेते रहे। ” साथ ही पांडे ने कहा कि वह छात्र समन्वय समिति द्वारा आयोजित एएमयू में एक छात्र विरोध और कैंडल मार्च को संबोधित कर रहे थे।

सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए:  बता दें कि पांडे बुधवार को सीएए के खिलाफ लखनऊ के घण्टाघर में चल रहे विरोध प्रर्दशन में शामिल होकर एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वह छात्र समन्वय समिति द्वारा आयोजित एएमयू में एक छात्र के विरोध और कैंडल मार्च को संबोधित करने के दौरान यह बातें कही थी।