देश में तेल की कीमतों लगातार बढ़ रही हैं। जिससे आम आदमी बेहद परेशान है और विपक्ष भी सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बढ़ती कीमतों पर बयान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि तेल की कीमतों पर उनका नियंत्रण नहीं है। तेल कंपनियां कच्चे तेल का आयात करतीं हैं।

सीतारमण ने कहा “यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें कीमत में कटौती के अलावा कोई भी उत्तर जनता को स्तुष्ट नहीं कर पाएगा। इसलिए वास्तविकता सामने लाने के लिए मैं जो भी कहूं, उससे लोग यही कहेंगे कि मैं उत्तर देने से बच रही हूं। इसलिए मैंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार का पेट्रोल की कीमत पर कोई नियंत्रण नहीं है, तेल कंपनियां कच्चे तेल का आयात करतीं हैं, रिफाइन करती हैं और वितरित करती हैं।”

चेन्नई में वित्त मंत्री ने कहा “OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था वह भी नीचे आने की संभावना है जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है। तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है तेल कंपनियां कच्चा तेल आयात करती हैं , रिफाइन करती हैं और बेचती हैं।”

आज सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार 12वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा। आज डीजल की कीमत में 37 से 39 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई है, तो वहीं पेट्रोल की कीमत भी 38 से 39 पैसे तक बढ़ी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार के राज में महंगाई का विकास हो रहा है।

राहुल गांधी ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘महंगाई का विकास!’ वहीं प्रियंका ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार को सप्ताह के उस दिन का नाम ‘अच्छा दिन’ कर देना चाहिए जिस दिन डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी न हो, क्योंकि महंगाई की मार के चलते बाकी दिन तो आमजनों के लिए ‘महंगे दिन’ हैं।’