Nirmala Sitharaman In Lok Sabha: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैं इस सदन के हर एक सदस्य को धन्यवाद देना चाहूंगी कि यहां पर प्रस्तुत बजट पर अपनी बात रखी और इसमें रुचि ली। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली इस सरकार को लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक कार्यकाल देने के लिए यह लोगों के विश्वास को दिखाता है। उन्हें साफ किया कि अगर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसे विकास के लिए पैसा नहीं मिलेगा। हम सभी 2047 तक एक विकसित भारत के बनाने लिए काम करेंगे। यहां जाने उनके भाषण की बड़ी बातें।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट पर लोकसभा में सामाजिक क्षेत्र के लिए कम आवंटन के विपक्ष के आरोपों का खंडन किया। सीतारमण ने कहा कि इस सरकार का खर्च तेजी से बढ़ा है और पूंजीगत व्यय से सरकार को कोविड के बाद तेज विकास दर बनाए रखने में मदद मिली है।
- वित्त मंत्री सीतारमण ने ने कहा कि यूपीए सरकार के समय बजट में कई राज्यों का नाम नहीं लिया जाता था तो क्या इसका मतलब यह था कि उन राज्यों को आवंटन नहीं हुआ था। इस साल के बजट में पिछले साल की तुलना में किसी भी क्षेत्र के लिए कम आवंटन नहीं किया गया है।
- सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को पैसे देने से मना नहीं किया जा रहा है। हम किसी भी राज्य को पैसे देने से मना नहीं कर रहे हैं। हम राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का अनुपालन कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2021 में राजस्व से राजकोषीय घाटे का अनुपात 80 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 36 फीसदी रहने की उम्मीद है। 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे ले आएंगे।
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने इस साल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट में 17,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस की लागत के वित्तपोषण के लिए 12,000 करोड़ शामिल हैं। यह वह बोझ है जिसे हम अपने कंधों पर लेना चाहते हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर के विकास को गति मिल सके। 5-59 साल की उम्र के लिए बेरोजगारी की दर वास्तव में जम्मू-कश्मीर में कम हुई है। यह 2020-21 में 6.4 फीसदी से घटकर 2021-22 में 5.7 फीसदी और 2022-23 में 4.4 फीसदी हो गई है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए 2013-14 में 0.30 लाख करोड़ आवंटित थे, जबकि अब 1.52 लाख करोड़ हैं। यह पिछले साल यानी 2023-24 से 8,000 करोड़ ज्यादा है। शिक्षा और रोजगार के लिए 2013-14 में 0.85 लाख करोड़ आवंटित थे, जबकि आज यह 1.48 लाख करोड़ है, यानी 23 फीसदी ज्यादा आवंटन किया गया है। हम सभी को साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए काम करना होगा। बजट 2024 विकसित भारत की दिशा में पहला कदम होगा।