नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला से जब पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने पूछा कि क्या वो खुद को भारतीय मानते हैं तो उनका पारा एकदम से चढ़ गया। गुस्से का अलम यह था कि उसके बाद उन्होंने काफी देर तक पत्रकार को बोलने ही नहीं दिया। उनके तेवर देखकर बाकी लोग भी हतप्रभ थे। वाकया एजेंडा आज तक के एक टॉक शो से जुड़ा है। फारुख इसमें शिरकत कर रहे थे।
दरअसल, पुण्य प्रसून ने उनसे पूछा था कि वो अलगाववादियों को प्रश्रय देते हैं। अलगावादी मानते हैं कि कश्मीर को अलग होना चाहिए। पत्रकार का कहना था कि फारुख एक लकीर खींच चुके हैं अपनी राजनीति की। फारुख का जवाब था कि वो 82 साल के हो चुके हैं। उनकी अपनी कोई अलग राजनीति करने की उम्र नहीं है।
फिर वो सवाल आया जिसने फारुख को हत्थे से उखाड़ दिया। बाजपेयी ने उनसे पूछा कि क्या वो खुद को भारतीय मानते हैं? नेकां नेता बेहद गुस्से में भर गए। उन्होंने पत्रकार से सवाल किया कि क्या आपको इसे लेकर शक है। फारुख ने उनसे कहा कि वो होते कौन हैं उनकी भारतीयता पर सवाल पूछने के लिए।
उसके बाद पत्रकार ने जैसे ही सवाल पूछने की कोशिश की, फारुख ने उन्हें जोर से डांटा। वो इतने ज्यादा गुस्से में थे कि उन्होंने बाजपेयी को सलाह दी कि वो किसी मनोचिकित्सक से जाकर सलाह लें। उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं लगता। एक लाइन में फारुख ने यहां तक कहा- हाउ डेयर यू टू से दैट। हालांकि, जब पुण्य प्रसून ने फारुख से उनके भारतीय होने को लेकर सवाल पूछा तो हाल में मौजूद लोग ताली बजा रहे थे, लेकिन फारुख के तेवर देखने के बाद सभी के चेहरे फक्क पड़ गए।
कुछ देर बाद जब नेकां नेता नार्मल मोड में आए तो पत्रकार ने उनसे पीओके को लेकर सवाल किया। लेकिवन फारुख का रुख पहले की तरह से तीखा था। हालांकि उतना नहीं। उनका कहना था कि उन्हें उस दिन का इंतजार है जब यहां के लोग पाकिस्तान बगैर रोकटोक के जा सकेंगे। वैसे ही जैसे यूरोप में आवाजाही करते हैं। उनका कहना था दोनों मुल्कों के लोग अमन चाहते हैं।