हरियाणा के पंजाब की सीमा से लगते सात जिलों में इंटरनेट सर्विस पर पाबंदी दो दिन और बढ़ा दी गई है। अब 17 फरवरी तक इंटरनेट पर पाबंदी रहेगी। 17 फरवरी रात 12 बजे तक हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल,जींद, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के बाहर इंटरनेट पर रोक लगाने के लिए ऐसे आदेश जारी किए हैं।
एक तरफ जहां हजारों की संख्या में किसान समूह दिल्ली चलो मार्च की तैयारी कर रहे थे, वहीं केंद्र सरकार ने सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक सुरक्षा का हवाला देते हुए, पिछले हफ्ते हरियाणा के कुछ जिलों में मोबाइल इंटरनेट को बैन करने के लिए ब्रिटिश काल के कानून के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया।
इंटरनेट पर बैन के लिए ब्रिटिश काल के कानून का इस्तेमाल
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि केंद्र सरकार के पास नियमों के तहत ऐसे आदेश जारी करने की शक्ति है, पंजाब सरकार ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते पंजाब में इंटरनेट सेवाओं को बैन करने के लिए जिस कानून का इस्तेमाल किया, वह ब्रिटिश काल का कानून है।
हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी
गृह मंत्रालय (MHA) ने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन नियम, 2017 के तहत 10 फरवरी और 12 फरवरी को दो आदेश जारी किए। इन आदेशों के परिणामस्वरूप पंजाब के सात जिलों- पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, मनसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब के 20 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में इंटरनेट 17 फरवरी तक बैन कर दिया गया।
इन नियमों के तहत किया जा सकता है इंटरनेट शटडाउन
दिसंबर 2021 को प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने पाया था कि इंटरनेट शटडाउन का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, प्रेस की स्वतंत्रता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव पड़ता है। शशि थरूर के नेतृत्व वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया, “2017 के नियमों के तहत, सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक सुरक्षा के आधार पर दूरसंचार/इंटरनेट शटडाउन का आदेश दिया जा सकता है। सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक सुरक्षा को 1885 के अधिनियम या 2017 के नियमों में परिभाषित नहीं किया गया है।”
2017 में बनाए गए नियम, केंद्रीय गृह सचिव या राज्य के गृह सचिव को सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा के कारण किसी क्षेत्र में इंटरनेट सहित दूरसंचार सेवाओं को निलंबित करने के निर्देश पारित करने का अधिकार देते हैं। केंद्रीय गृह सचिव के ऐसे किसी भी आदेश की पांच दिनों के भीतर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा समीक्षा की जानी चाहिए।