Kisan Andolan in Delhi News, Farmers Protest Delhi-Noida Border Latest News in Hindi: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर जमा हैं। सरकार के साथ तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। अब चौथे दौर की बातचीत 18 फरवरी को होने वाली है। गुरुवार रात की बातचीत से विवाद खत्म नहीं हुआ। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि दोनों पक्ष शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए राजी हुए हैं और आगे भी बातचीत में समाधान की ओर बढ़ने की कोशिश जारी रहेगी। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि आंदोलन अभी जारी रहेगा। शुक्रवार को कई और भी किसान संगठन आगे आए हैं।
इस दौरान शंभू बॉर्डर पर एक किसान की मौत के बाद काफी हंगामा हुआ है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले 63 वर्षीय किसान की 16 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
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शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा देशव्यापी बंद के आह्वान के बीच नोएडा में यातायात की गति धीमी रही, लेकिन कोई बड़ा जाम नहीं देखा गया।डीएनडी फ्लाईवे, कालिंदी कुंज और चिल्ला बॉर्डर असर दिखाई दिया।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को मांग की कि केंद्र को एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए। यह वर्तमान में पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू और खनौरी बिंदुओं पर डेरा डाले हुए किसानों की एक प्रमुख मांग भी है।
शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे 78 वर्षीय किसान की शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। किसान की पहचान गुरदासपुर जिले के चाचोके गांव के ज्ञान सिंह के रूप में हुई है, जिसने सरकारी राजिंदरा अस्पताल, पटियाला में अंतिम सांस ली। इस मुद्दे को लेकर चर्चा जारी है और किसान सरकार पर इस मौत के लिए आरोप लगा रहे हैं।
किसानों के विरोध प्रदर्शन को कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हाईजैक किए जाने पर मीडिया के एक सवाल के जवाब शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा,"जब दो साल पहले यह विरोध प्रदर्शन हुआ था, तब भी भाजपा ने कहा था कि वे किसान नहीं बल्कि 'खालिस्तानी' हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें (किसानों को) खालिस्तानियों और नक्सलियों से पैसा मिल रहा है। इस ही तरह किसानों को बदनाम किया गया और अब भी यही किया जा रहा है।"
किसान नेता गुरनैल सिंह गिल ने कहा, "हमें सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच जो बैठकें हो रही हैं, उनसे कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ेंगे, हम यहां अपना अधिकार लेने आए हैं, किसी का अधिकार छीनने नहीं।"
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने ठीक सिंघू बॉर्डर की तरह पड़ाव डालना शुरू कर दिया है। जहां बड़ी तादाद में किसानों के जत्थे रात में भी बॉर्डर पर पड़ाव डाले हुए हैं।
पंजाब-हरियाणा की शंभू बॉर्डर पर जमा किसानों के बीच तीसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अब चौथी बैठक 18 फरवरी को होगी। किसान नेताओं ने कहा है कि इस बैठक में उन्हें समाधान की उम्मीद है।