किसान आज एक बार दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास करेंगे। किसान नेताओं ने कहा है कि 11 बजे ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू होगा। चौथे दौर की वार्ता के बाद किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। दिल्ली से शंभू बॉर्डर तक हरियाणा सरकार ने कई जगह सख्त नाकाबंदी की है। कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

चौथी दौर की वार्ता के दौरान केंद्र सरकार ने किसानों के सामने दालों, कपास और मक्का की फसलों के लिए विविधीकरण का प्रस्ताव पेश किया था। मतलब- यह एक ऐसे समझौते का प्रस्ताव था, जिसके तहत सरकारी एजेंसियां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पांच साल तक दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी। किसानों ने कहा कि इसपर विचार-विमर्श किया जाएगा और जवाब दिया जाएगा।

दिल्ली से शंभू बॉर्डर तक सख्त नाकाबंदी

दिल्ली से शंभू बॉर्डर तक—लगभग 200 किमी के रास्ते में कंक्रीट अवरोधक, कंटीले तारों की बाड़ और यहां तक कि ट्रैक्टरों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कील भी लगाई गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में लिखा गया है कि ड्रोन से अगर नाकाबंदी को देखा जाए तो यह किसी ‘आक्रमण’ की तैयारी जैसा दिखाई देता है।

दिल्ली के चारों ओर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गाजीपुर, टिकरी, नोएडा और सिंघू बॉर्डर को सीमेंट की दीवारें बना कर बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने धारा 144 के तहत सार्वजनिक समारोहों पर एक महीने का प्रतिबंध भी लगाया है और काफी सख्त कार्यवाही की है।

सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने अनुमान लगाया है कि 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों और छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर जमा हुए हैं। सरकार ने किसानों के साथ चार बार बैठक की है लेकिन बात नहीं बन सकी है। चौथे दौर की वार्ता के बाद सरकार ने कहा था कि बैठक बहुत पॉज़िटिव रही है लेकिन किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को विचार-विमर्श के बाद ठुकरा दिया।