हरियाणा के यमुनानगर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जिला स्तरीय बैठक से पहले किसानों जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां किसान भारी मात्र में जुटे हैं और तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं।
बीजेपी की जिला स्तरीय बैठक में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवर लाल गुज्जर, पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनलाल समेत कई नेता पहुंच रहे हैं। इस बैठक से पहले किसानों ने नए कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी नेताओं के विरोध में पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दिया है। किसानों की संख्या को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। किसानों को बैरिकेड्स लगाकर रोका जा रहा है।
डीएसपी ने बताया, ”कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा का यहां आगमन था और उनकी बैठक थी। स्थानीय विधायकों और मंत्रियों का भी यहां आना था। किसानों ने अपील की थी कि हम इनका विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर ये कार्यक्रम नहीं होने देंगे।”
#WATCH | A group of farmers in Haryana’s Yamunanagar jump over the police barricading while protesting against State Cabinet Minister Mool Chand Sharma regarding new farm laws pic.twitter.com/DoTTi8zurx
— ANI (@ANI) July 10, 2021
डीएसपी ने कहा “पुलिस और किसानों का आमना-सामना हुआ है। कुछ लोगों ने बैरिकेड पर ट्रैक्टर चढ़ाया है। किसान नेताओं से बात किया गया है तो उन्होंने कहा कि हम इसके लिए माफी मांगते हैं, हमारे बीच में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बात नहीं मानते हैं। कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने गिरफ्तारियां दी हैं।
ऐसा ही नजारा हिसार में भी देखने को मिला जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे। यहां भी भारी मात्रा में किसानों ने आकार हंगामा किया।
बता दें मोदी सरकार के नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 7 महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा “भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे। मैंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे। हमने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं?”