स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, MSP की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र से बातचीत के लिए आने वाले किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेंगे लेकिन संवाद के लिए सकारात्मक महौल बनाया जाना चाहिए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री कल किसान नेताओं से बातचीत कर सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय कल प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत कल होगी। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की जाएगी। इससे पहले तीनों मंत्रियों ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ चंडीगढ़ में दो दौर की बैठक की थी लेकिन बातचीत बेनतीजा रही और किसानों ने मंगलवार को अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों की एक प्रमुख मांग विभिन्न फसलों पर निश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की है।

राजनाथ सिंह और अर्जुन मुंडा की बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) अर्जुन मुंडा सहित कुछ वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन और इससे संबंधित मुद्दों को हल करने के तरीकों पर चर्चा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी में हुई यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली और हरियाणा की ओर कूच करने का प्रयास कर रहे पंजाब के किसानों को दोनों राज्यों के बीच शंभू सीमा पर रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

किसानों के प्रदर्शन का दूसरा दिन

हजारों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे। वहीं, अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर भी आंसू गैस के गोले दागे।

पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर रोकने के लिए भारी संख्या में बैरिकेड लगाए हैं। सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने मुंडा के साथ किसानों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। अर्जुन मुंडा उन मंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने किसान समूहों के साथ चर्चा की है। बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है।