दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों की सबसे बड़ी संख्या जुटी हुई है। यह किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र बना हुआ है। शुक्रवार को यहां किसान प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प देखने को मिली। प्रदर्शनकारी किसानों के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने नारेबाज़ी भी की है। यहां कुछ लोग ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्री राम’, ‘तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ और ‘सिंघु बॉर्डर खाली करो, खाली करो, जैसे नारे लगा रहे हैं। इसके अलावा बॉर्डर से पत्थऱबाजी की खबरें भी आ रही है।

यहां किसानों और स्थानीय लोग आमने सामने आ गए हैं। दोनों ओर से लोग एक दूसरे को डंडे दिखा रहे है और पत्थरबाजी भी हो रही है। इस पत्थरबाजी से कई पुलिस कर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं। बवाल को देखते हुए सिंघू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर ही रही है। हालात को संभालने के लिए दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया है। वहीं प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं।

वहीं उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर कल और आज सुरक्षा व्यवस्था इसलिए बढ़ाई गई, ताकि इस दौरान ऐसे लोग न घुस जाए जिससे वहां हिंसा फैले। आज पूरे उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी है और किसानों से लगातार वार्ता चल रही है।

बता दें गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के बाद रेवाड़ी के कुछ लोग भी नाराज़ हैं। यहां दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित मसानी बैराज पर पिछले करीब डेढ़ महीने से किसान आंदोलनकारी बैठे हुए हैं। डूंगरवास सहित करीब 20 गांवों के तमाम लोगों ने इन प्रदर्शनकारियों को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर कहा है कि हाइवे खाली कर दें। वहीं यूपी में कुछ जगहों पर किसान प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना खत्म कर दिया है।