पंजाब सरकार ने हाल ही में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से धरना स्थल खाली करा लिया था। जिसके कुछ दिन बाद अब केंद्र ने राज्य को पत्र लिखकर कहा है कि अक्टूबर 2020 से नवंबर 2024 तक कई बार टोल प्लाजा बंद करने से सरकारी खजाने को लगभग 1,639 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा को 4 अप्रैल को लिखे पत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर ने कहा कि नवंबर 2024 तक 1,638.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 2020 के आंदोलन के दौरान और उसके बाद भी, प्रदर्शनकारी किसानों ने समय-समय पर कई टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया था।

केंद्र को बंद पड़े प्लाजाओं को चलाने वाले ठेकेदारों को मुआवजा देना पड़ा

पत्र में कहा गया है कि इससे केंद्र पर बोझ पड़ा है और उसे बंद पड़े प्लाजाओं को चलाने वाले ठेकेदारों को मुआवजा देना पड़ा है। पत्र में लिखा है कि अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2021 तक 1,348.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि 2022 से 2023 तक यह 41.83 करोड़ रुपये, जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक 179.10 करोड़ रुपये और अक्टूबर 2024 से नवंबर 2024 तक 69.15 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

पत्र में कहा गया है, “इन रुकावटों ने न केवल बुनियादी ढांचे के विकास में बाधा उत्पन्न की है बल्कि केंद्र सरकार को टोल संग्रह एजेंसियों को उनके नुकसान की भरपाई करने के लिए भी मजबूर किया है, जिससे सार्वजनिक वित्त पर और दबाव बढ़ गया है।” हालांकि, वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि यह नुकसान पंजाब की गलती नहीं है।

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केंद्र ने पंजाब सरकार से भविष्य में रुकावटों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा

हरपाल चीमा ने कहा, “केंद्र को किसानों को विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर करने के बजाय उनकी मांगें स्वीकार करनी चाहिए थी।” पत्र में वित्तीय प्रभाव का विवरण संलग्न है, साथ ही राज्य सरकार से भविष्य में रुकावटों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया कि बुनियादी ढांचे का रखरखाव और राष्ट्रीय आर्थिक प्रगति राज्य और केंद्र दोनों की साझा जिम्मेदारी है।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे के विकास को बनाए रखने और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) योगदान के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए उपयोगकर्ता शुल्क का एक समान लागू होना महत्वपूर्ण है। इसने पंजाब सरकार से जिला प्रशासन के साथ समन्वय करके सुचारू और निर्बाध टोल संचालन सुनिश्चित करने का आह्वान किया। पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल