केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली से सटे बार्डर पर जारी है। किसान अब भी कानून रद्द करने की मांग पर आड़े हुए हैं। इसी बीच भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम तो बात करने को तैयार हैं। लेकिन सरकार ही देरी कर रही है।

न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए टिकैत ने कहा “देर हम नहीं कर रहे, सरकार कर रही है। हम तो तैयार बैठे हैं कि सरकार बातचीत करे, लेकिन हमने यह तय कर लिया है कि किसान अब लुटेगा नहीं।” टिकैत ने कहा कि हमारे पास ट्रैक्टर है, जिसे हम खेत में ले जाते हैं। हमारे पास कोई एसी बस तो है नहीं। किसान पार्लियामेंट जाएगा, ट्रैक्टर चलाएगा, खेती करेगा। उन्होंने कहा कि अबकी बार तो हल क्रांति होगी। इस साल होगी, अगले साल सर्दी में होगी या 5 साल बाद, ये नहीं पता। अभी हमने समय तय नहीं किया है। सरकार बातचीत करे।

किसान नेता ने कहा कि अबकी बार हल क्रांति होगी। हम पार्लियामेंट में जाएंगे वहां जो पार्क है वहां पर गेहूं उत्पादन करेंगे। मक्का उत्पादन करेंगे। ट्रैक्टर वहां पक्का चलेगा, सिर्फ सड़क छोड़ेंगे। फुलवारी में फसल पैदा होगी। टिकैत ने कहा “वहां जो जमीन है, वही मंत्रालय को हम कामकाज दे देंगे। वह पार्लियामेंट की देखरेख में एक रिसर्च सेंटर होगा, एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर।”

टिकैत ने जेल जाने कि बात भी कही। किसान नेता ने कहा कि मुझे पता है इस सब के बाद मुझे 12-13 साल तिहाड़ जेल में रहना होगा। लेकिन कम से कम किसान तो आजाद हो जाएगा। फिर हमें कोई दिक्कत नहीं होगी। मुकदमा लगेगा तो हमें जेल में रहना होगा। यही देश का कानून है।

बता दें राकेश टिकैत बीते कुछ हफ़्तों से लगातार महापंचायतों में हिस्सा ले रहे हैं। सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। अपने हर संबोधन में वो सरकार को चुनौती देते हुए नज़र आते हैं। मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहा, “तिरंगा भी फहरेगा और पार्लियामेंट पर फहरेगा, ये कान खोलकर सुन लो। ये ट्रैक्टर जाएंगे वहीं और हल के साथ जाएंगे। उन पार्कों में, पार्लियामेंट के बाहर जहां साल 1988 में आंदोलन हुआ, जो पार्क हैं वहां के, वहां पर ट्रैक्टर चलेगा, वहां पर खेती होगी।”