पूर्ण कर्जमाफी और फसलों की लागत से डेढ़ गुना कीमत की मांग को लेकर ‘संसद मार्च’ के जरिए केंद्र सरकार को घेरने अलग-अलग राज्यों के किसान गुरुवार को दिल्ली पहुंचे। किसानों के समर्थन में विद्यार्थी, पत्रकार, कलाकार, वकील और डॉक्टर भी अपने-अपने बैनर के साथ रामलीला मैदान में दाखिल हुए। किसानों की ओर से 30 नवंबर को सुबह संसद की ओर कूच करने का ऐलान किया गया है। पुलिस का कहना है कि शुक्रवार की रैली को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान का सबसे बड़ा जत्था बिजवासन से 26 किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए देर शाम रामलीला मैदान पहुंचा। प्रदर्शन का नेतृत्व योगेंद्र यादव, अविक साहा, सुनिलम, पी साइनाथ, मेधा पाटेकर, बिहार के राजीव चौधरी, तामिलनाडु के किसान नेता पी अय्याकन्नू आदि कर रहे हैं। किसान नेताओं ने ‘संसद मार्च’ को खेती-किसानी की बड़ी लड़ाई बताते हुए दावा किया कि इसमें 201 किसान संगठन और 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है।
योगेंद्र यादव ने कहा-किसान मुक्ति मार्च देश के किसानों की लूट, आत्महत्या, शोषण और अन्याय से मुक्ति की यात्रा है। आज की इस यात्रा में किसान अकेले नहीं है, बल्कि पूरा देश उनके साथ चल रहा है। मांग है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर लंबित दोनों महत्त्वपूर्ण विधेयकों को पास किया जाए। पहला कानून किसानों की ऋण मुक्ति का है, जबकि दूसरा कृषि उपज के उचित और लाभकारी मूल्य से जुड़ा है।
बता दें कि, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव की अगुआई में किसान मुक्ति मार्च के नाम से यह यात्रा बिजवासन से शुरू हुई है और महिपालपुर, धौला कुआं, ताल कटोरा से कनॉट प्लेस होते हुए देर शाम रामलीला मैदान पहुंची। आनंद विहार, निजामुद्दीन और बिजवासन रेलवे स्टेशनों एवं सब्जी मंडी से चलकर किसान जब रामलीला मैदान की ओर बढ़े तो कई जगहों पर यातायात बाधित हुआ। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआइकेएससीसी) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान ट्रेनों, बसों एवं अन्य परिवहन माध्यमों से दिल्ली पहुंचे। अखिल भारतीय किसान सभा की दिल्ली इकाई के किसान नेता दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित मजनू का टीला से रामलीला मैदान पहुंचे।
तमिलनाडु से आए किसानों के समूह के नेता पी अय्याकन्नू की अगुआई में किसानों ने धमकी दी कि यदि शुक्रवार को उन्हें संसद नहीं जाने दिया गया तो वे नग्न प्रदर्शन करेंगे। मार्च के दौरान नेशनल साउथ इंडियन रीवर इंटर-लिकिंग एग्रीकल्चरलिस्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने दावा किया गया कि वे अपने साथ दो किसान साथियों के कंकाल लेकर यहां पहुंचे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि नेशनल साउथ इंडियन रीवर इंटर-लिकिंग एग्रीकल्चरलिस्ट्स एसोसिएशन के करीब 1200 सदस्य खुदकुशी कर चुके हैं। किसानों के जमावड़े पर जय किसान आंदोलन के संयोजक अविक साहा ने कहा-देशभर का आक्रोशित किसान बार-बार दिल्ली आने को मजबूर हो रहा है क्योंकि उनके साथ बार-बार छलावा हो रहा है।
बड़ा निर्णय लेंगे किसान
मध्यप्रदेश के किसान नेता डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों से किए गए वादों की हकीकत को चुनावी राज्यों में मुख्य मुद्दा बनाया जाएगा। ‘ओआरओपी मूवमेंट’ के अगुआ मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा- जवान सरकार बना सकते हैं तो सरकार बदल भी सकते हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष अशोक दांवले ने कहा-अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में ‘नोटबंदी का जवाब वोटबंदी’ से दिया जाएगा।
किसानों को मिला साथ: देश भर के किसान 36 घंटे की यात्रा पूरी कर गुरुवार को रामलीला मैदान में जुटे। इस ऐतिहासिक मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाए। वे रात मैदान में बिताएंगे और शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर संसद की तरफ मार्च करेंगे। जानकारी के मुताबिक-दिल्ली जल बोर्ड हमें पानी के टैंकर मुहैया कराएगा। आप के स्थानीय विधायक हमें खाने के पैकेट देंगे। दिल्ली के पांच गुरुद्वारे इसमें सहयोग कर रहे हैं। बंगला साहिब गुरुद्वारा, शीशगंज साहिब, रकाबगंज और मजनूं का टीला रात में किसानों के रुकने की व्यवस्था में लगे हैं।
‘किसान संसद’ में होंगे शामिल: एआइकेएस के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष अशोक दांवल व सचिव अतुल कुमार अंजान, मेधा पाटेकर, ‘नेशन फॉर फार्मर’ मुहिम के संयोजक पी साईनाथ, वकील प्रशांत भूषण और बीएन सिंह के अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सहित कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, वाम धड़े के शीर्ष नेताओं के भी शिरकत करने की संभावना है।
सेवानिवृत्त फौजियों का भी समर्थन: वन रैंक वन पेंशन आंदोलन को लेकर चर्चित रहे सेवानिवृत्त फौजियों के संगठन ने किसानों को समर्थन दिया है। ‘ओआरओपी मूवमेंट’ के अगुआ मेजर जनरल सतबीर सिंह (रिटा) ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ जवानों से भी किया वायदा पूरा नहीं किया, लिहाजा वे किसानों के साथ मंच साझा करेगें। शुक्रवार को संसद मार्च में हजारों पूर्व फौजी शिरकत कर रहे हैं।
