अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद रखने का ऐलान कर दिया। यह ऐलान सरकार की ओर से 12 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए न्योता दिए जाने के बाद किया गया है। इस बंद में किसानों के सभी संगठनों ने भाग लेने का फैसला किया है। बंद का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा ने किया है। खास बात यह है कि किसानों के इस बंद के आह्वान का मजदूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। किसानों ने कहा है कि बंद के दौरान 4 घंटे तक सभी राजमार्गों (Highways) पर चक्काजाम किया जाएगा।

MSP पर गारंटी, कर्जमाफी के लिए 13 को ‘दिल्ली चलो मार्च’ करेंगे किसान

किसानों की मुख्य मांगों में फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और कर्जमाफी जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसको लेकर किसान संगठनों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ का ऐलान पहले से ही किया हुआ है। हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों और उनके मुद्दों को लेकर शनिवार 12 फरवरी 2024 को बातचीत का न्योता दिया है, लेकिन किसान आरपार के मूड में हैं। किसानों के साथ सरकार की एक दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है। इस बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सहित तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम भाग लेने वाली है। यह बातचीत चंडीगढ़ के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होनी है।

किसानों के 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और यूपी की दिल्ली पहुंचने वाली सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बार्डर को सील कर दिया गया है और हरियाणा के कई शहरों में अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इस बीच सरकार किसानों को अपने आंदोलन वापस लेने के लिए मनाने में जुट गई है। सरकार की ओर से किसानों को बातचीत के माध्यम से रास्ता निकालने की अपील की गई है।