यूपी के अमेठी के मुसाफिरखाना के एक व्यक्ति ने केसीसी लोन जमा करने के लिए कई बोरी चिल्लर लेकर बैंक पहुंचा। इसको देख बैंककर्मी हैरान रह गए। उन्होंने उससे चिल्लर की बजाए नोटों की गड्डी ले आने को कहा, लेकिन उसने साफ जवाब दिया कि उसके पास यही है। पहले तो बैंक कर्मी लेने से मना कर दिए, लेकिन बाद में तैयार हो गए।

इलाहाबाद बैंक से तीन लाख रुपए ऋण लिया था : जिले के मुसाफिरखाना क्षेत्र के अढ़नपुर गांव निवासी पवन कुमार सिंह ने कुछ समय पहले इलाहाबाद बैंक से तीन लाख रुपए केसीसी लोन लिया था। उसने समय पर लोन जमा नहीं किया तो यह छह लाख रुपए हो गया। इससे बैंक ने उससे बकाया जमा करने को नोटिस भेजा। इस बीच बैंक से उसे बताया गया कि किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत वह आधा जमा करके अपना लोन खत्म कर सकता है। इसलिए उसे तीन लाख रुपए ही जमा करना होगा।

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एक, दो, पांच और दस के थे सिक्के : उसने तीन लाख रुपए के एक, दो, पांच और दस के सिक्कों को 14 बोरियों में भरकर जमा करने बैंक पहुंच गया। यह देख बैंक ने लेने से मना कर दिया। कहा कि चिल्लर बैंक नहीं लेगा। काफी आनाकानी और चिरौरी करने पर बैंक तैयार हुआ। बैंक ने इनको गिनने के लिए तीन कर्मचारियों को लगाया। तीनों कर्मचारी तीन दिनों तक लगातार काम में जुटे रहे तब जाकर उसको गिन सके।

पूरा पैसा गिनने के बाद बैंककर्मियों ने ली राहत की सांस : पूरा पैसा गिनने के बाद उसका लोन जमा हो सका और बैंक कर्मचारियों को भी राहत मिल सकी। पवन कुमार ने बताया कि उसके पास काफी अधिक मात्रा में चिल्लर हो गए थे। उसके पास इसको जमा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। लोन की अदायगी में उसने चिल्लर जमा करके चिल्लर और लोन दोनों से मुक्ति पा ली।