Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर पिछले काफी दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। इसी बीच, आज एक किसान ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली है। हालत गंभीर होने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। किसान रेशम सिंह तरनतारन जिले के पहुविंड गांव के रहने वाले थे। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन स्थल पर तीन हफ्ते के अंदर इस तरह की यह दूसरी घटना है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसान रेशम सिंह को राजिंदरा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। किसानों का कहना है कि रेशम सिंह ने सुबह लंगर वाली जगह पर सल्फास की गोलियां खाईं। इस बात की जानकारी जैसे ही किसानों को मिली तो उन्होंने तत्काल कदम उठाते हुए मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद में हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

किसानों की महापंचायत

मोगा में किसानों की गुरुवार को महापंचायत होने जा रही है। इसमें अलग-अलग किसान संगठनों के 50 हजार से ज्यादा किसान जुटेंगे। इसमें किसान नेता राकेश टिकैत के भी पहुंचने की संभावना है। कुछ खास इंतजाम भी किए जा रहे हैं। किसान नेता लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो यह प्रदर्शन खत्म नहीं होगा और यह चलता ही रहेगा।

देश में कब-कब हुई हैं लंबी भूख हड़ताल

डल्लेवाल की हालत नाजुक

वहीं किसान नेता डल्लेवाल की सेहत की बात करें तो उनकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए अवतार सिंह ने बताया कि डल्लेवाल सही से बोल भी नहीं पा रहे हैं और वह मंगलवार को करीब एक घंटे तक बेहोश भी रहे थे। बुधवार को डल्लेवाल ने प्रदर्शन कर रहे अपने किसानों से कहा था कि उनके मरने के बाद भी अनशन को जारी रखें। अपने करीबी साथी काका सिंह कोटड़ा को भेजे एक मार्मिक संदेश में डल्लेवाल ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को धरना स्थल पर रखा जाए और किसी अन्य नेता द्वारा अनशन जारी रखा जाए। कोटड़ा ने कहा कि अनशनकारी नेता ने किसी से मिलने से साफ मना कर दिया। ये आर-पार की लड़ाई है, जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक अनशन खत्म नहीं होगा पढ़ें पूरी खबर…