Farmer Protest: फरवरी 2024 से अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे किसानों ने कई बार दिल्ली चलो मार्च के तहत हरियाणा पुलिस के सुरक्षा कवच को तोड़ने की कोशिश की लेकन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। दूसरी ओर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjeet Singh Dallewal) खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार इस आंदोलन को लेकर एक्टिव हो गई है।

दरअसल, किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने मीटिंग की। शनिवार को हुई इस मीटिंग किसानों से बातचीत से लेकर उनकी मांगों को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे।

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केंद्रीय गृह निदेशक ने की डल्लेवाल से मुलाकात

इस मीटिंग के बाद केंद्र ने 20 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से मुलाकात के लिए रविवार को केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा को भेजा। पंजाब के DGP गौरव यादव, निदेशक मयंक मिश्रा को लेकर खनौरी बॉर्डर पहुंचे।

किसान नेता से मीटिंग के बाद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसानों की मांगों के बारे में जानकारी ली है। उन्होंने केंद्र की तरफ से वार्ता के प्रस्ताव से इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की डॉक्टरी मदद के आदेश दिए थे।

16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसान

क्या कोई बड़ा ऐलान करेगी मोदी सरकार?

किसानों के आंदोलन और डल्लेवाल की खराब होती तबीयत के बीच पीएम मोदी का एक्टिव होना किसानों के लिए उम्मीद लेकर आया है। किसानों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनके लिए आने वाले कुछ दिनों में, उनकी कुछ मांगों को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है, जिससे डल्लेवाल का आमरण अनशन भी खत्म हो जाएगा।

इस मुद्दे पर पंजाब के डीजीपी ने कहा कि डल्लेवाल की जान कीमती है। हम सबके साथ कॉर्डिनेशन और बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम बातचीत का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह निदेशक आए और किसानों की मांगे सुनी। पंजाब सरकार ने भी किसानों की मांग आगे बढ़ाने के लिए अपना प्रस्ताव भेजा है।

सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर क्या कहा?

अनशन पर अड़े डल्लेवाल, बिगड़ी तबीयत

किसानों की मांगों को लेकर 20 दिन से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है लेकिन उन्होंने अनशन तोड़ने से साफ साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा था कि सरकार की गलत नीतियों से खुदकुशी कर रहे किसानों की जिंदगी मेरे जीवन से ज्यादा कीमती है।

डल्लेवाल की सेहत को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि उनका वजन करीब 12 किलो से ज्यादा गिर चुका है। इसके अलावा उनकी किडनी और लीवर के डैमेज होने का खतरा बढ़ गया है। डल्लेवाल कैंसर से पीड़ित हैं, और अनशन के चलते उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ रही है। बता दें कि डल्लेवाल अनशन के दौरान कोई दवा तक नहीं ले रहे हैं। किसान आंदोलन से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।