किसान आंदोलन के बीच मोदी सरकार एक बार फिर बातचीत की टेबल पर लौट रही है। आज रविवार को चौथे दौर की बातचीत किसानों के साथ हो रही है। केंद्र की तरफ से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय मौजूद हैं, वहीं किसान के प्रतिनिधि भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

किसानों की कुल 12 मांगे हैं जिन्हें लेकर उनका आंदोलन चल रहा है। सबसे बड़ी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी की है जिसको लेकर सरकार अभी तैयार नहीं। वो कमेटी बना मंथन जरूर कर सकती है, लेकिन तुरंत किसी तरह के कानून बनाने से बच रही है। वहीं किसान पूर्ण कर्ज माफी की मांग पर भी अड़े हुए हैं। यहां भी ज्यादा सरकार का रुख अभी ज्यादा सकारात्मक नहीं दिख रहा है। इसके अलावा पेंशन की डिमांड को लेकर भी सहमति बनती नहीं दिखी है।

अब एक तरफ सरकार बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा में जमीन पर तनाव बना हुआ है। पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सस्पेंड चल रहा है। एक बार फिर टोल को भी फ्री कर विरोध प्रदर्शन किया गया है।

वैसे यहां समझने वाली बात ये है कि अगर किसानों के साथ सरकार की ये वाली बैठक भी असफल हो जाती है तो दिल्ली कूच की तैयारी फिर की जाएगी। किसानों ने साफ कर दिया है कि वे हर कीमत पर अपनी मांग मनवाकर रहेंगे और अगर ऐसा नहीं होता है तो राजधानी जाने की तैयारी उनकी कई दिनों से चल रही है। वैसे पिछली बार जब किसान आंदोलन हुआ था, तब भी एमएसपी को लेकर काफी बवाल था। उस समय भी सरकार ने एक कमेटी बना जांच करने की बात कही थी। लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार ने वादा खिलाफी की है, अपने पिछले वादे को ही तोड़ दिया गया है। इसी वजह से अभी किसान फिर सड़क पर हैं और राजधानी जाने की बात कर रहे हैं।