किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है। चार दिनों से लगातार पंजाब के किसान हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रशासन के खिलाफ डटे हुए हैं। किसान बॉर्डर क्रॉस कर दिल्ली कूच करने की कोशिश में हैं लेकिन शंभू बॉर्डर पर प्रशासन ने उन्हें कड़क सुरक्षा के दम पर रोककर रखा है। पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। पानी की बैछार की जा रही है। इसके लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है जिनसे निपटने के लिए किसान हर दिन नया तरीका इजात कर रही है।
पहले दिन किसान शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रामक नजर आए थे। ऐसे में पुलिस ने उन पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इससे निपटने के लिए किसानों ने ड्रोन पर पत्थरबाजी की थी लेकिन इससे उन्हें ही नुकसान हुआ था। खुद किसानों ने कहा कि ऊपर ड्रोन पत्थर मारने के चलते कई पत्थर जब नीचे गिरे तो उनके ही किसान साथियों को चोट आई थी। इसके चलते पहले दिन के बाद उन्होंने पत्थर का प्रयोग नहीं किया है।
दूसरे दिन किसानों ने पुलिस के आंसू गैस छोड़ने वाले ड्रोन को रोकने के लिए पत्थर के बजाए टेनिस बॉल का प्रयोग करना शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि जब ड्रोन को हिट करने के बाद बॉल गिरती है तो उससे किसी किसान साथी को नुकसान नहीं होता है। वहीं अब किसान ने ड्रोन पर हमले के लिए खुद का ड्रोन ले आए हैं।
किसान अब हो गए हैं इंजीनियर
पुलिस के ड्रोन किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं, ऐसे में किसान भी अपना ड्रोन ले आए हैं और पुलिस के हेवी ड्रोन्स पर ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। किसानों ने अपने ड्रोन के बारे में बात करते हुए कहा कि किसान अब केवल किसान नहीं रहे बल्कि वे भी इंजीनियर बन गए हैं, वे ड्रोन का जवाब ड्रोन से दे सकते हैं। एक किसान ने कहा कि लोहा ही लोहे को काटता है ठीक उसी तरह उनका ड्रोन पुलिस के ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है।
पुलिसिया ड्रोन के खिलाफ किसानों ने पहले देसी जुगाड़ भी निकाला था। वे ड्रोन को टक्कर देने के लिए पतंग उड़ाकर उसे गिराने के भी प्रयास कर चुके हैं। हालांकि उसमें भी उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली है।