देश में इस समय किसान आंदोलन चरम पर चल रहा है। सरकार के साथ लगातार वार्ता फेल होती जा रही है, कई मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच शुक्रवार को किसानों ने भारत बंद भी बुलाया था, ये वैसे तो ग्रामीण इलाकों के लिए था, लेकिन इसका असर बड़े स्तर पर देखने को मिला। चक्का जामा भी कुछ जगहों पर किया गया था, ऐसे में जाम की स्थिति बनी। आइए जानते राज्य दर राज्य इस बंद का कैसा असर रहा है।

दिल्ली में कैसे हालात?

राजधानी दिल्ली तो इस समय किसान आंदोलन का एपीसेंटर बना हुआ है। जानकार बता रहे हैं कि इस आंदोलन और भारत बंद की वजह से दिल्ली को करीब 300 करोड़ तक का नुकसान हुआ है। इसका कारण ये है कि राजधानी में पांच लाख ऐसे वेंडर है जो यही से सामान खरीदते हैं। लेकिन जब से किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ है, कोई भी दिल्ली नहीं आ पा रहा है। इसके ऊपर दिल्ली में जिन सड़कों को ब्लॉक किया गया था, वहां के आस पास वाली दुकानों का बिजनेस ठप सा पड़ गया है।

वैसे बिजनेस को जरूर नुकसान हुआ है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से ज्यादा ट्रैफिक देखने को नहीं मिला। असल में अभी सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात है, ऐसे में ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहा। तो यहां तो किसानों के बंद का उतना असर जमीन पर नहीं दिखा।

राजस्थान में नहीं दिखा असर

भारत बंद का असर राजस्थान में ज्यादा देखने को नहीं मिला। नागौर में राकेश टिकैट की अपील के बाद माना जा रहा था कि जमीन पर ज्यादा असर रहेगा, लेकिन वहां भी कुछ जगहों पर ही विरोध प्रदर्शन हुए, वहीं व्यापारी संगठनों ने तो अपने दफ्तर खुले ही रखे और वहां बंद के बावजूद भी सामान्य काम चलते रहे। हरियाणा के हिसार से भी जो तस्वीरें सामने आईं, वो किसानों को झटका देने वाली हैं। सारे बाजार वहां खुले रहे, लोग की भी आम दिनचर्या ही चलती दिखी। वहां बंद का कोई असर नहीं दिखाई पड़ा।

एमपी-पंजाब में कैसा माहौल?

एमपी के रतलाम में भी हालात एकदम सामान्य ही दिखाई दिए। पुलिस ने जरूर जमीन पर फोर्स बढ़ा रखी थी, लेकिन सड़क पर ज्यादा चेक प्वाइंट भी नहीं थे। इसके ऊपर एमपी में किसानों का कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन होता भी नहीं दिखा। पंजाब में जरूर किसानों के बंद का असर दिखा क्योंकि ज्यादातर प्रदर्शनकारी भी वहीं से थे। राज्य में सड़कों पर बस की आवाजाही काफी कम हो गई थी, बाजार बंद कर दिए गए थे और जालंधर, बठिंडा में तो नेशनल हाईवे को भी ब्लॉक करने का काम किया गया।

हरियाणा में तीन घंटे के लिए नेशनल हाईवे को भी फ्री कर दिया गया था। इस बात का ऐलान तो किसान नेताओं द्वारा पहले ही कर दिया गया था, ऐसे में उसी दिशा में ऐसा किया भी गया।