गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले एक साल से भी अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन ख़त्म करने का ऐलान किया। 11 दिसंबर से प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर बने धरना स्थल खाली करना शुरू करेंगे। इसी बीच किसान आंदोलन का चेहरा बन चुके किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एक ख्वाहिश अभी भी अधूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान एकता से मिली कामयाबी 709 शहीदों को समर्पित है।
आंदोलन ख़त्म करने के ऐलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 1 साल 13 दिन चला किसानों का आंदोलन समस्याओं के समाधान की परिणति को प्राप्त हुआ। किसान एकता से मिली यह कामयाबी 709 शहीदों को समर्पित। किसान हकों की लड़ाई जारी रहेगी।
वहीं पत्रकार अजीत अंजुम से बात करने के दौरान जब किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा गया कि एक बात अधूरी रह गई कि आमने सामने बात नहीं हो पाई और यह चिट्ठी पर ही रह गई। इसपर किसान नेता ने कहा कि हां चिट्ठी पर ही रह गई, आमने सामने नहीं हो पाई, ये ख्वाहिश जरूर रहेगी। साथ ही टिकैत ने कहा कि हमने आमने सामने बैठकर बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन चिट्ठी के ही आदान प्रदान होते रहे।
किसान संगठनों के द्वारा आंदोलन वापस लिए जाने के ऐलान के बाद 11 दिसंबर से किसान अपने घर लौटना शुरू करेंगे। 13 दिसंबर को सभी किसान नेता अमृतसर स्थित दरबार साहिब के दर्शन करेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से पंजाब में जगह जगह चल रहा मोर्चा ख़त्म किया जाएगा। साथ ही किसान संगठन ने 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है जिसमें इस बात चर्चा की जाएगी कि सरकार ने कितनी मांगे मानी है।
बता दें कि गुरुवार को सरकार की तरफ किसान नेताओं को चिट्ठी भेजी गई। सरकार के प्रस्ताव भेजे जाने के बाद किसान संगठनों ने आपसी सहमति बनाकर आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा की। सरकार और किसान संगठनों के बीच जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी है उसमें एमएसपी को लेकर एक कमेटी बनाने, आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने और मृतक किसानों के परिवारजनों को मुआवजा देने जैसे मुद्दे शामिल हैं।