देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस समय दिल्ली सामान्य से लगभग 8 गुना एक्यूआई स्तर बढ़ गया है। मंगलवार को एक्यूआई 406 दर्ज किया गया है। प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों जलन व एलर्जी की समस्या बढ़ने लगी है। यही नहीं शहर की अस्पतालों दमा के मरीजों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। दमा मरीजों को इस समय सांस लेने में काफी समस्या हो रही है।
ऑक्सीजन नहीं मिलने पर दमा मरीज की मौत: बता दे कि फरीदाबाद के पाली क्रशर जोन में रहने वाले एक दमा मरीज की मौत हो गई। परिवार वालों का कहना है कि उनकी मौत का कारण प्रदूषण है। प्रदूषण बढ़ने के कारण उनकी तबियत बिगड़ने लगी। इसे देखते हुए परिजन उन्हें इलाज के लिए बीके अस्पताल लेकर जा रहे थे इसी दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने मीडिया को बताया कि उन्हें सांस अटैक आया था यदि उन्हें समय पर ऑक्सीजन मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी।
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सांस लेने में हो रही दिक्कत: गौरतलब है कि मृतक का नाम रामचंद्र है। उनके बेटे रतन कुमार ने मीडिया से बताया कि उनके पिता को काफी लंबे समय से सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसका इलाज वह पटेल चौक के एक निजी अस्पताल से करा रहे थे। मंगलवार (12 नवंबर) को उनकी हालत काफी खराब हो गई। उनके इलाज के लिए पटेल चौक स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर गए। वहां डाक्टर ने उन्हें बी.के अस्पताल ले जाने को कहा, पटेल चौक से रतन अपने पिता को ऑटो में लेकर जा रहे थे। उसी दौरान ऑटो में उनके पिता ने दम तोड़ दिया।
प्रदूषण की वजह से सांस अटैक का खतरा बढ़ रहा: बीके अस्पताल पहुंने पर वहां इमरजेंसी में तैनात डॉ. बिशवनती उनकी जांच की। इसीजी के जांच में पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है। डॉ. बिशवनती से रतन कुमार ने बताया कि उनके पिता को सांस लेने में कुछ दिनों से काफी परेशानी हो रही थी। उनका इलाज एक निजी अस्पताल से कराया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ दिनों से बढ़े प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। इससे अटैक आने का खतरा रहता है। तुरंत ऑक्सीजन नहीं मिलने पर जान भी जा सकती है।