मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने देश में आपातकाल लागू होने की 43वीं बरसी पर याद करते हुए कहा है कि भले ही इमरजेंसी 21 महीनों के लिए ही लगी हो लेकिन इसका असर बरसों तक रहा है। उन्होंने साल 2005 का एक वाकये का उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि तब दूरदर्शन पर वह भगवान राम के जन्म का वर्णन करने वाले लोक गायन चैता की प्रस्तुति देने गई थीं लेकिन जैसे ही उन्होंने गाना शुरू किया तो दूरदर्शन के एक अधिकारी ने उन्हें राम से जुड़े गीत गाने से मना कर दिया। अवस्थी ने लिखा है, “इमरजेंसी चाहे सिर्फ 21 महीनों के लिए लागू की गई हो,उसका असर बरसों रहा 2005 में, मैं दूरदर्शन में रिकॉर्डिंग के लिए आमंत्रित थी, चैत का महीना था,मैंने भगवान रामजन्म के वर्णन की चैती गानी प्रारंभ की,तुरंत अधिकारी बोले,राम छोड़ कुछ और गाइये,क्रोध में मैं रिकॉर्डिंग छोड़ बाहर आ गईं।”

उन्होंने दूसरी ट्वीट में लिखा, “यह वाक़या दिल्ली दूरदर्शन का है। मैंने तर्क किया कि आपको भगवान राम से क्या दिक्कत है? राम लोकमानस के नायक हैं और चैती की विशिष्ट लोकविद्या शैली में रामजन्म गाया जाता है, लेकिन रीढ़विहीन अधिकारी डरे हुए अड़े रहे, मैंने कहा, यदि राम को नही गा सकती, तो मैं जा रही घर! जय राम जी की #Emergency” दरअसल, गायिका ने इस वाकये की तुलना इमरजेंसी से की है और कांग्रेस राज पर निशाना साधा है। बता दें कि साल 2005 में केंद्र में यूपीए-1 की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे।

मालिनी अवस्थी के इस ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा है, “जो कोर्ट में हलफनामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बता चुके हों उन गद्दार कोंग्रेसियो or उनसे भयभीत कायर अफसरों से इसी मक्कारी की आशा है..” एक अन्य यूजर ने लिखा है, “सच में 2014 तक मैंने भी आपातकाल को महसूस किया रराजनीति में ।। दूरदर्शन के लोगो से सत्यम शिवम सुंदरम ग़ायब होना इसका सशक्त उधारण है।।”