सैलिब्रिटी कार डिजाइनर और डीसी डिजाइन के संस्थापक 68 वर्षीय दिलीप छाबरिया को सोमवार को गिरफ्तार किया गया । उन्होंने कथित तौर पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से बहुत सारे लोन लिए हुए थे। ये कर्ज उन्होंने डीसी अवंति के नाम पर लिए थे। गाड़ियों को बेचने से पहले उनकी खुद की कंपनी ही कार को मैन्युफैक्चर भी करती थी। पुलिस का कहना है कि छाबरिया कुछ वाहनों की रजिस्टरी अलग-अलग राज्यों में दो से तीन बार कराते थे। हर बार नए रजिस्ट्रेशन नंबर से वह नया कर्ज लेते थे। पुलिस का दावा है कि छाबरिया ने 30 करोड़ रुपये का घोटाला किया है।
ज्वॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम) मिलिंद भारंबे ने कहा, “ लगभग 90 डीसी अवंति वाहन, जिन्हें दिलीप छाबरिया ने ही मैन्युफैक्चर किया था, फर्जी फाइनेंसिंग के लिए इस्तेमाल में लाए गए। हर एक कार पर औसतन 40 लाख रुपये से ऊपर का कर्ज लिया गया। हैरान करने वाली बात ये है कि कंपनी खुद अपनी कारों के लिए ग्राहक भी बनती थी, जो बाद में दूसरे ग्राहकों को बेच दे जाती थी।”
पुलिस के संज्ञान में ये बात तब आई जब उन्हें मालूम चला कि एक डीसी अवंति कार फर्जी नंबर के साथ ताज महल होटल के बाहर देखी गई। फिर पुलिस ने जाल बिछाया और 18 दिसंबर को वह कार होटल के बाहर मिली। खुलासा तब हुआ जब पता चला कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर तमिलनाडु का है। यहां तक कि गाड़ी के बाकी पुर्जे भी हरियाणा आरटीओ में दूसरे नंबर से रजिस्टर थे।
असिस्टेंड इंसपेक्टर सचिन वाजे ने बताया, “तमिलनाडु के रहने वाले कार के मालिक को इसके बारे में बताया गया कि रजिस्ट्रेनशन नंबर हरियाणा में छाबरिया की कंपनी का था।” बाद में पुलिस ने वाहन जब्त कर लिया और तमिलनाडु के रहने वाले व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई।
वाजे ने बताया कि पुलिस को मालूम चला कि छाबरिया ने कई सारे वाहने अलग-अलग राज्यों में रजिस्टर कराए हैं। इसी के आधार पर बाजार से कर्ज लिया है। कई मामलों में तो छाबरिया ने वाहन रजिस्टर कराने से पहले ही कर्ज ले लिया था।

