सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका को उसके भाई रुबाबुद्दीन शेख ने सोमवार को वापस ले लिया। अमित शाह को फर्जी एनकाउंटर के मामले में दिसंबर 2014 में बरी कर दिया गया था। उस वक्‍त सोहराबुद्दीन शेख के भाई रुबाबुद्दीन ने अदालत के फैसले पर हैरानी जताई थी। लेकिन कुछ समय बाद उसने कोर्ट से कहा था कि वह फैसले के खिलाफ दायर याचिका वापस लेना चाहता है।

20 अक्‍टूबर को जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने रुबाबुद्दीन से पूछा था, ‘कहीं आप किसी के दबाव में तो याचिका वापस नहीं ले रहे हो?’ अदालत ने रुबाबुद्दीन से यह भी कहा कि वह जल्‍दबाजी में कोई फैसला न करे और एक महीने बाद बताए कि उसे केस वापस लेना है या नहीं? एक महीना पूरा होने के बाद सोमवार को रुबाबुद्दीन जस्टिस एवी निरगुडे की अदालत में पेश हुआ और कहा कि वह अपनी इच्‍छा से फैसले के खिलाफ दायर याचिका वापस लेना चाहता है। अमित शाह के वकील एसवी राजू ने इंडियन एक्‍सप्रेस के साथ बातचीत में इस खबर की पुष्टि की है, लेकिन उन्‍होंने कोई भी टिप्‍प्‍णी करने से इनकार कर दिया।

आपको बता दें कि रुबाबुद्दीन ही वो शख्‍स था, जिसने सबसे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से इंसाफ की गुहार लगाई थी। उसने 14 जनवरी 2007 को सुप्रीम से कहा था कि 2005 में गुजरात एटीएस की टीम ने फर्जी एनकाउंटर में उसके भाई सोहराबुद्दीन की हत्‍या की है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। सीबीआई के मुताबिक, गुजरात एटीएस ने गैंगस्‍टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्‍नी कौसर बी उस वक्‍त कर दी थी जब वे हैदराबाद से महाराष्‍ट्र के सांगली जा रहे थे। यह फर्जी एनकाउंटर 26 नवंबर 2005 को गांधी नगर के पास हुआ था।

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